डिजास्टर डेटाबेस ईएम-डीएटी के मुताबिक 2019 से अब तक चक्रवाती तूफान से आई बाढ़ के कारण भारत में 4.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। 2019 में ओडिशा में आए चक्रवात फानी से 50 लोगों की जान चली गई थी और 2 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे। यह ओडिशा के सबसे बुरे तूफानों में से एक था।
अगले साल अंफन चक्रवात से 90 लोगों की मौतें हुईं और 1.8 करोड़ लोग प्रभावित हुए। इसका असर मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में था। एक साल बाद 2021 में आए चक्रवात तौकाते ने गुजरात को प्रभावित किया।
पश्चिमी तट पर आए इस तूफान से 7 लाख लोग प्रभावित हुए और 200 लोगों की जान चली गई।
तेज हवाओं के साथ आने वाले चक्रवात से संपदा और लोगों का जनजीवन बहुत प्रभावित होता है। उदाहरण के लिए तौकाते की रफ्तार 222 किलोमीटर प्रति घंटे थी। अंफन की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटे थी। वहीं गुजरात के कच्छ क्षेत्र में आए बिपरजय की रफ्तार 125 किलोमीटर प्रति घंटे थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार चक्रवात रेमल (Cyclone Remal ) के कारण कोलकाता में 74 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली।