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बढ़ीं महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शिकायत

आधे से अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश की है।

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अनुष्का साहनी   
Last Updated- September 19, 2023 | 11:13 PM IST

एक और विधायिका में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग में हिंसा, दहेज और अन्य मामलों की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। पिछले दो वर्षों में सालाना 30 हजार से अधिक शिकायतें मिली हैं। इस साल 19 सितंबर की शाम 5 बजे तक राष्ट्रीय महिला आयोग में महिलाओं के खिलाफ अपराध की कुल 20,693 शिकायतें मिली हैं।

सोमवार को सरकार ने देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लोकसभा और राज्यों की विधान सभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का विधेयक पेश किया। इस वर्ष मिली शिकायतें साल 2022 की कुल शिकायतों के 67.7 फीसदी के बराबर है। जबकि अभी साल खत्म होने में तीन महीने बाकी हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़े दर्शाते हैं कि साल 2022 में 30,957 शिकायतें मिली थीं, जो साल 2014 के बाद से सर्वाधिक हैं। उस साल 30,906 शिकायतें दर्ज की गई थीं। साल 2021 में 30 हजार से अधिक शिकायतें मिली थीं।

आयोग ने एसिड एटैक (तेजाब हमले), महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध, दहेज हत्या, यौन शोषण और दुष्कर्म जैसे 24 श्रेणियों में शिकायत दर्ज की है। सर्वाधिक शिकायतें गरिमा के साथ जीने का अधिकार को लेकर दर्ज की गई हैं। इसके बाद घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, महिलाओं के दुर्व्यवहार, छेड़खानी, दुष्कर्म का प्रयास और दुष्कर्म का स्थान है।

आधे से अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश की है। दिल्ली में कुल 1,765 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बिहार (979), महाराष्ट्र (906) और मध्य प्रदेश (856) का स्थान है। कुल मामलों में इन पांच राज्यों की 77.9 फीसदी हिस्सेदारी है।

पिछले साल भी 54.5 फीसदी मामले उत्तर प्रदेश के थे। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले में भारत जी20 देशों में तीसरे पायदान पर है।

भारत में साथी द्वारा यौन शोषण का शिकार होने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी 35 फीसदी थी। यह कनाडा में सबसे अधिक 44.1 फीसदी है। सऊदी अरब 43 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर था। यह इटली में सबसे कम 16 फीसदी था।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत महिलाओं के खिलाफ कुल अपराध 2019 के 3,43,177 से 4.2 फीसदी बढ़कर साल 2021 में 3,57,671 हो गए। सर्वाधिक मामले पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (136,234) और महिलाओं के अपमान (89,200) के तहत दर्ज किए गए।

First Published : September 19, 2023 | 11:13 PM IST