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Citizenship: 87,000+ भारतीयों ने 2023 में छोड़ी नागरिकता, ये 5 देश लोगों की टॉप लिस्ट में

EAM जयशंकर ने कहा, 'पिछले दो दशक में ग्लोबल वर्कप्लेस की तलाश करने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या अहम रही

Last Updated- July 22, 2023 | 10:41 AM IST
Over 87,000 Indians gave up citizenship till June this year: Jaishankar

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत से विदेशों की तरफ रुख करने वाले भारतीयों को लेकर बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए बताया कि भारत से विदेश गए 87,026 लोगों ने साल 2023 में जनवरी से लेकर जून तक के बीच भारत की नागरिकता छोड़ दी है और अब वे उसी देश के नागरिक बन गए हैं, जहां वे जाकर बस गए।

लगातार बढ़ रहा Indian Citizenship छोड़ने वालों का सिलसिला

अपने लिखित बयान में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अब तक 17.50 लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है।

विदेश मंत्री ने लोकसभा से कहा कि 2022 में 2,25,620 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी जबकि 2021 में उनकी संख्या 1,63,370 और 2020 में 85,256 थी। उससे पहले 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी थी। इस हिसाब से देखा जाए तो 2011 से लेकर 2023 तक, जिस साल सबसे कम भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी थी, वह साल था 2020।

जयशंकर ने कहा, ‘पिछले दो दशक में ग्लोबल वर्कप्लेस की तलाश करने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या अहम रही है। उनमें से कई भारतीयों ने व्यक्तिगत सुविधा को ध्यान में रखते हुए विदेशी नागरिकता लेने का विकल्प चुना है।’

विदेश मंत्री ने कहा कि विदेशों में भारतीय समुदाय राष्ट्र के लिए एक संपत्ति यानी एसेट और सरकार ने प्रवासी भारतीयों के साथ अपने संबंधों में व्यापक बदलाव किया है।

भारतीय नागरिकता छोड़ कर लोग किस देश हो रहे रवाना? 

विदेश मंत्रालय की ऑफिशियल साइट पर यह भी देखा जा सकता है कि भारत छोड़कर विदेश में आसियाना बनाने वाले भारतीयों को कौन सा देश सबसे ज्यादा भा रहा है। पिछले साल विदेश मंत्री ने जब सभी देशों में नागरिक बने लोगों का डेटा दिया था तो उस लिस्ट में 135 देश शामिल थे।

अक्सर भारतीय लोगों का सपना अमेरिका जाने का होता है। और विदेश मंत्रालय के इस डेटा ने इस बात को सही भी साबित कर दिया। 2021 में कुल 78,284 लोगों को अमेरिकी नागरिकता मिल गई। दिलचस्प बात यह है कि भारत से कुल 1,63,370 लोगों ने भारत छोड़कर विदेशी नागरिकता अपनाई थी और इसमें आधी संख्या ने अमेरिका की नागरिकता अपना ली।

दूसरे नंबर पर आस्ट्रेलिया ने अपनी जगह बनाई है। 2021 के डेटा के मुताबिक, 23,533 लोगों को आस्ट्रेलिया की नागरिकता मिली वहीं तीसरे और चौथे नंबर पर कनाडा और यूके (UK) है। जहां, 21,597 लोग कनाडा के नागरिक बने वहीं 14,637 लोग UK के नागरिक बन गए।

पांचवे नंबर पर भारत से विदेश गए सबसे ज्यादा लोगों को इटली में नागरिकता मिली। यहं नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या 5,986 थी।

NRI और भारतीय मूल (Persons of Indian Origin) की भी पसंद अमेरिका

दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या में कोई विदेश जाता है तो उसमें भारत अव्वल है, यानी भारत से विदेश जाने वालों की संख्या अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। अगर प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (PIOs) की संख्या मिला दी जाए तो विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 3.2 करोड़ के करीब लोग विदेशों में रहते हैं। इसमें से भी 1.8 करोड़ लोग विदेशों में जाकर उस देश की नागरिकता भी ले चुके हैं। बाकी बचे प्रवासी भारतीयों की संख्या 1.35 करोड़ है।

विदेश मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अगर NRIs और PIOs की संख्या मिला दी जाए तो सबसे ज्यादा संख्या अमेरिका के हिस्से में जाएगी यानी कुल संख्या 4,460,000 लोग अमेरिका में रहते हैं, जिनका किसी न किसी तरह से भारत से संबंध है। हालांकि इसमें 1,280,000 ही प्रवासी भारतीय हैं और 3,180,000 लोग पहले ही अमेरिकी नागरिकता ले चुके हैं।

NRI यानी सिर्फ प्रवासी भारतीयों की बात करें तो आज भी उनकी सबसे पहली पसंद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) है। UAE में रहने वाले लोगों की संख्या 3,419,875 है, जबकि 5,269 लोगों ने ही यहां की नागरिकता ली है।

First Published - July 22, 2023 | 10:41 AM IST

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