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चंद्रयान चार-पांच का डिजाइन पूरा, पांच वर्षों में 70 सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी: ISRO

ISRO चीफ सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अगले पांच वर्षों में पृथ्वी-अवलोकन उपग्रहों की एक श्रृंखला प्रक्षेपित करने की भी योजना बना रही है।

Last Updated- August 21, 2024 | 6:32 AM IST
ISRO
Representative Image

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने अगले चरण के चंद्र मिशन – चंद्रयान 4 और 5 के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इस सिलसिले में सरकार से मंजूरी लेने की प्रक्रिया में जुटी हुई है।

चंद्रयान-4 मिशन में चंद्रमा की सतह पर सहजता से उपकरण उतारने के बाद पृथ्वी के इस उपग्रह की चट्टानों और मिट्टी को धरती पर लाना, चंद्रमा से एक अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित करना, चंद्रमा की कक्षा में अंतरिक्ष ‘डॉकिंग’ प्रयोग का प्रदर्शन करना और नमूनों को वापस लाना शामिल है।

सोमनाथ ने यहां अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और इंडियन स्पेस एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पास चांद पर जाने के लिए कई मिशन हैं।  चंद्रयान-3 मिशन पूरा हो चुका है। अब चंद्रयान 4 और 5 का डिजाइन तैयार हो चुका है और हम सरकार से मंजूरी मांग रहे हैं।’’ इससे पहले, इसरो के अधिकारियों ने कहा था कि चंद्रयान-4 मिशन का लक्षित प्रक्षेपण वर्ष 2028 है।

सोमनाथ ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अगले पांच वर्षों में 70 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना बना रही है, जिसमें सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा के लिए उपग्रहों का एक समूह भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन 70 उपग्रहों में ‘नाविक’ क्षेत्रीय दिशा सूचक प्रणाली के लिए चार उपग्रह शामिल हैं जो अवस्थिति निर्धारण, दिशा सूचना सेवा प्रदान करेंगे। साथ ही, इनसैट 4डी मौसम उपग्रह, रिसोर्ससैट श्रृंखला के उपग्रह, रिमोट सेंसिंग और उच्च रिजोल्यूशन इमेजिंग के लिए कार्टोसैट उपग्रह शामिल हैं।

सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली और ‘क्वांटम की’ वितरण प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए ओशनसैट श्रृंखला के उपग्रहों और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह एक और दो को विकसित करने की भी योजना बना रही है।

सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अगले पांच वर्षों में पृथ्वी-अवलोकन उपग्रहों की एक श्रृंखला प्रक्षेपित करने की भी योजना बना रही है। इसरो प्रमुख ने कहा कि एजेंसी के पूर्वनियोजित शुक्र ग्रह मिशन को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मिशन का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं।’’ सोमनाथ ने कहा कि गगनयान परियोजना का पहला मानव रहित मिशन इस साल दिसंबर में भेजा जाने वाला है। उन्होंने कहा, ‘‘सभी प्रणालियां अगले एक से डेढ़ महीने में श्रीहरिकोटा पहुंच जाएंगी, जहां अंतिम परीक्षण और एकीकरण किया जाएगा।’’

First Published - August 21, 2024 | 6:32 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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