PTI
कर्नाटक में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी करते हुए विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का वादा किया। सोमवार को बेंगलूरु में जारी किए गए घोषणापत्र में भाजपा ने राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों के केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना पर भी जोर दिया।
इस घोषणापत्र के अन्य प्रमुख बिंदुओं में एक सलाहकार समिति के माध्यम से बेंगलूरु में अपार्टमेंट निवासियों के लिए ‘सुगमता से जीवन जीने’ की सहूलियत देने के साथ ही लघु, मध्यम उद्योगों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग की रफ्तार बढ़ाने की पहल भी शामिल थी। ये वादे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के दौरान किए गए उन वादों के अनुरूप हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो वह ‘रेवड़ी’ नहीं बांटेगी बल्कि शासन में मूलभूत बदलाव लाने की कोशिश करेगी।
भाजपा ने स्कूल स्तर के लिए भी एक योजना का वादा किया है जिसके तहत राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों और संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ‘भाजपा प्रजा प्रणालिक’ नाम के इस घोषणापत्र को जारी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और पार्टी के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा के साथ अन्य नेता भी मौजूद थे।
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में ‘मिशन स्वास्थ्य कर्नाटक’ शुरू करने का वादा किया है जिसके तहत नगर निगमों के प्रत्येक वार्ड में एक-एक ‘नम्मा क्लीनिक’ (हमारा क्लिनिक) स्थापित किए जाएंगे जहां इलाज की सुविधा होगी। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों को साल में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा और बेघर लोगों के लिए राज्य भर में 10 लाख आवास स्थलों की पहचान करने का भी वादा किया गया।
किसानों के लिए, पार्टी ने हर ग्राम पंचायत में माइक्रो कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं, कृषि प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने और कृषि उपज समितियों के आधुनिकीकरण के लिए 30,000 करोड़ रुपये का कोष तैयार करने का भी वादा किया है। पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है तो वह कई सर्किट और कॉरिडोर को तैयार करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये आवंटित करेगी ताकि कर्नाटक को भारत का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाया जा सके।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा था कि पार्टी हिंदुत्व नहीं बल्कि शासन के प्रदर्शन को ही अपनी विशेषता के तौर पर पेश करेगी लेकिन पार्टी ने समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन पर सिफारिशें देने के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया है।
गुजरात, उत्तराखंड और असम पहले से ही ऐसी समितियों का गठन कर चुके हैं। पार्टी के घोषणापत्र के अनुसार, ‘समान नागरिक संहिता लागू करने के उद्देश्य के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। इस उच्च स्तरीय समिति द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर हम कर्नाटक में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। हम कर्नाटक में राष्ट्रीय नागरिक पंजी लाएंगे और राज्य में सभी अवैध प्रवासियों का तेजी से निर्वासन सुनिश्चित करेंगे।’ हालांकि यह एक ऐसा वादा है जिसमें कई तरह की कानूनी और अन्य तरह की चुनौतियां आ सकती हैं।
पार्टी ने मुसलमानों के लिए ‘असंवैधानिक’ आरक्षण को समाप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई। चुनावों की घोषणा से ठीक पहले, बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने और इसे लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय के बीच समान रूप से विभाजित करने का फैसला किया जो कर्नाटक में दो राजनीतिक रूप से प्रभावशाली जाति समूह माने जाते हैं। नड्डा ने कहा कि राज्य के लिए भाजपा का दृष्टिकोण ‘सभी के लिए न्याय, किसी के लिए तुष्टीकरण नहीं’ है।
घोषणापत्र में लोगों को लुभाने के लिए भी कई योजनाओं की पेशकश की गई जिसमें गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले सभी परिवारों को उगादि, गणेश चतुर्थी और दीपावली के महीनों के दौरान तीन मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर देने की बात की गई।
इसके विपरीत, कांग्रेस ने अपने प्रचार भाषणों में कई मुफ्त चीजों की पेशकश की है, जिसमें सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बीपीएल परिवारों को 10 किलोग्राम चावल, हर परिवार में प्रमुख महिला सदस्य को 2,000 रुपये की मासिक सहायता और बेरोजगार स्नातकों को 3,000 रुपये का मासिक भत्ता देने का वादा शामिल है। कांग्रेस इस हफ्ते के आखिर में अपना घोषणापत्र जारी करेगी।