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बिहार में डेढ़ दशक में मतदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ी, लेकिन इस बार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद इनमें कमी आने की संभावना है। निर्वाचन आयोग ने 24 अगस्त को कहा कि बिहार के 7.2 करोड़ मतदाताओं में से 98 प्रतिशत से अधिक ने मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के 60 दिनों के भीतर अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं। राज्य में मतदाताओं की संख्या 2011 में 5.6 करोड़ से बढ़कर 2024 में 7.8 करोड़ हो गई, लेकिन यदि एसआईआर लागू हुआ, तो जुलाई 2025 में सूचियों में हुए संशोधन के कारण मतदाताओं की संख्या में सबसे तेज गिरावट दर्ज की जाएगी।
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बिहार में मतदाताओं की संख्या 2011 में 5.6 करोड़, 2021 में 7.6 करोड़ और फिर उसके बाद 2024 में 7.8 करोड़ हो गई थी, जो 2025 में घटकर 7.2 करोड़ के स्तर पर आ जाएगी। यदि एसआईआर लागू किया जाता है, तो कुल आबादी में मतदाताओं की हिस्सेदारी 2025 में केवल 55 प्रतिशत होगी, जो इसे 2012 से भी नीचे और 2011 के करीब ले जाएगी।
बिहार में विभिन्न चुनावों के दौरान प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। लेकिन, वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव में इनमें वृद्धि दर्ज की गई जब इनकी संख्या बढ़कर 1,008 हो गई, जबकि पिछले विधान सभा चुनाव में पुन: घटकर 971 रह गई।