प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ आएंगे। उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक भी अयोध्या में आयोजित की जाएगी।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा 31 जनवरी को तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री 2 फरवरी को अपने-अपने मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों के साथ रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली फरवरी को समूचे मंत्रिपरिषद के साथ राम मंदिर में दर्शन करेंगे। उसी दिन अयोध्या में मंत्रिपरिषद की बैठक भी होगी।
प्रदेश सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक 5 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस अन्य सभी मंत्रियों के साथ अयोध्या आएंगे जबकि अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सभी मंत्रियों के साथ 6 फरवरी को पहुंच रहे हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का 9 फरवरी तो 12 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अपने सभी मंत्रियों के साथ अयोध्या आने का कार्यक्रम है। इसी तरह 15 फरवरी को गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत व 22 फरवरी को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और 24 फरवरी को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अपनी-अपनी कैबिनेट के साथ रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री व उनकी कैबिनेट के सभी सदस्य 4 मार्च को रामलला के मंदिर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
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उधर मंगलवार को उमड़ी अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में रामलला मंदिर के दर्शन के लिए व्यापक व्यवस्था की हैं। अयोध्या में मौजूद प्रदेश के महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि बेहतर भीड़ प्रबंधन तथा बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था, ये दो चीजें थीं जो हमने यहां आने के बाद सुनिश्चित की।
उन्होंने कहा कि शासन का निर्देश था कि किसी भी व्यक्ति को कोई असुविधा ना हो। उनका कहना है कि जो भी प्रबंध मंगलवार रात भर में अन्तर्विभागीय समन्वय से किया गया उसके अच्छे और सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। प्रशांत कुमार ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को अपनी कतारों में लगा दिया जा रहा है और अनवरत दर्शन चल रहे हैं।