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ATF: विमान ईंधन की खपत 47 माह के शीर्ष पर, बढ़ती घरेलू उड़ानों का सबसे ज्यादा दिखा असर

कोविड19 पर काबू पाने के लिए मार्च 2020 में लॉकडाउन की घोषणा के बाद विमान ईंधन की खपत में रिकॉर्ड कमी आई। अप्रैल 2020 में कुल खपत गिरकर 55.2 टन रह गई।

Last Updated- January 08, 2024 | 9:31 PM IST
ATF price hike

विमान ईंधन (ATF) की खपत दिसंबर महीने में पिछले 47 महीने के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है।

पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर 2023 में ATF की कुल घरेलू खपत करीब 7,20,000 टन रही है। इसके पहले जनवरी 2020 में 7,39,000 टन खपत हुई थी।

कोविड19 पर काबू पाने के लिए मार्च 2020 में लॉकडाउन की घोषणा के बाद विमान ईंधन की खपत में रिकॉर्ड कमी आई। अप्रैल 2020 में कुल खपत गिरकर 55.2 टन रह गई। उसके बाद धीरे-धीरे रिकवरी शुरू हुई।

सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि ATF की खपत में घरेलू उड़ानों की मुख्य भूमिका रही। घरेलू उड्डयन क्षेत्र की अप्रैल से नवंबर 2023 के बीच कुल ATF खपत में हिस्सेदारी 74 प्रतिशत रही। वहीं करीब 24 प्रतिशत खपत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में हुई है। शेष 2 प्रतिशत खपत सेना ने की है।

नवंबर की पीपीएसी उद्योग खपत रिपोर्ट में कहा गया है, ‘घरेलू आवाजाही कोविड के पहले के स्तर पर आ गई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही अभी कम है, क्योंकि कुछ देशों ने अभी प्रतिबंध लगा रखे हैं।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि ATF पर मूल्यवर्धित कर का असर घरेलू खपत के तरीकों पर पड़ा है। बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में जेट ईंधन पर कर सबसे ज्यादा 25 प्रतिशत है। असम में 23.66 प्रतिशत कर लगता है। मुंबई और पुणे में कर 18 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी वजह से पश्चिमी क्षेत्र में खपत अधिक है।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉन्मी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक घरेलू विमानों की आवाजाही की संख्या भी बढ़ी है। विमान की उड़ान या उतरने को आवाजाही माना जाता है। जनवरी 2020 में घरेलू विमानों की आवाजाही की संख्या 12 माह के अनुवर्ती हिसाब से 21.7 लाख थी। अनुवर्ती हिसाब से आंकड़े लेने पर मौसमी असर खत्म हो जाता है। उदाहरण के लिए त्योहारों के दौरान ज्यादा गतिविधि हो सकती है।

अनुवर्ती 12 महीनों के आंकड़ों में पूरे साल के आंकड़े शामिल होते हैं और इस तरह के मौसमी असर का असर खत्म हो जाता है।

सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि अनुवर्ती 12 महीने के आधार पर नवंबर 2023 में घरेलू विमानों की आवाजाही की संख्या बढ़कर 22.4 लाख हो गई।

अनुवर्ती 12 महीने के आधार (trailing 12-month basis) पर यात्रियों की कुल संख्या 30.1 करोड़ पहुंच गई। ऐसा माना जा रहा है कि घरेलू पर्यटन में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है। यह संख्या कोविड-19 महामारी के पहले की तुलना में भी ज्यादा है। नवंबर 2019 में यह संख्या 27.9 करोड़ थी।

First Published - January 8, 2024 | 9:31 PM IST

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