केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्य सभा में कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले तीन आतंकवादी ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और इस हमले में उनकी संलिप्तता वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कर ली गई है। शाह ने राज्य सभा में ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा’ में हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही। इसी के साथ शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपने वोट बैंक और तुष्टीकरण की नीति के कारण पाकिस्तान एवं आतंकवादियों को बचाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस सहित विपक्ष के सदस्यों ने ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जवाब नहीं दिए जाने को सदन का अपमान बताया और इसके विरोध में सदन से बहिर्गमन किया। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 16 घंटे की चर्चा के बाद सभी सदस्यों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री चर्चा में उठाए गए सवालों का जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में रहकर यहां नहीं आते हैं तो यह सदन का अपमान है।
अपने भाषण में अमित शाह ने कहा, ‘मैं सदन के माध्यम से कल हुए ऑपेरशन महादेव की जानकारी पूरे देश को देना चाहता हूं। इसमें सुलेमान, अफगान और जिब्रान नाम के तीन आतंकवादी सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए।’ उन्होंने बताया, ‘सुलेमान, लश्कर-ए-तैयबा का ए श्रेणी का कमांडर था। पहलगाम और गगनगीर आतंकी हमले में वह लिप्त था, इसके बहुत सारे सबूत हमारी एजेंसियों के पास हैं। अफगान और जिब्रान भी ए श्रेणी के आतंकवादी थे।’ गृह मंत्री ने कहा, ‘जिन्होंने पहलगाम की बैसरन घाटी में हमारे निर्दोष नागरिकों को मारा था, उनमें ये तीनों आतंकवादी शामिल थे और कल तीनों मारे गए। मैं सेना के पैरा 4, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सभी जवानों को सदन और पूरे देश की ओर से बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष हमला करते हुए उन्हें ‘चाइना गुरु’ करार दिया और आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने चीन पर अपनी जानकारी 2008 के पेइचिंग ओलिंपिक में भाग लेकर और चीनी राजदूत से ‘निजी ट्यूशन’ लेकर हासिल की। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच सहयोग 1960 के दशक में शुरू हुआ था लेकिन पिछली सरकारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। भाषा