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भारत को F-35 Fighter Jet देगा अमेरिका, दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान में शामिल; Rafale से भी एक कदम आगे

F-35 एक पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है, जो सुपरसोनिक स्पीड पर रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मनों पर हमला करने में माहिर है।

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अंशु   
Last Updated- February 14, 2025 | 3:20 PM IST

India will get F-35 fighter jets: अमेरिका दुनिया के सबसे एडवांस फाइटर जेट्स में से एक F-35 Lightning II की सप्लाई भारत को करने के लिए तैयार हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को व्यापक बनाने की दिशा में एक बड़ा ऐलान किया। राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ बातचीत के बाद कहा कि वह अरबों डॉलर की सैन्य सप्लाई बढ़ाने के हिस्से के रूप में भारत को F-35 फाइटर जेट उपलब्ध करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। F-35 फाइटर जेट के मिलने से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। फिलहाल, भारत के पास सबसे एडवांस फाइटर जेट के रूप में राफेल (Rafale) है। आइए जानते हैं F-35 के फीचर्स, स्पीड, हथियार ले जाने की क्षमता आदि के बारे में। क्या यह राफेल से ज्यादा दमदार है?

F-35 fighter jet: दुनिया के एडवांस फाइटर जेट में शामिल

F-35 एक पांचवीं पीढ़ी (fifth-generation) का स्टेल्थ फाइटर जेट (stealth fighter jet) है, जो सुपरसोनिक स्पीड (supersonic speed) पर रडार (Radar) की पकड़ में आए बिना दुश्मनों पर हमला करने में माहिर है। इसकी एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टेक्नोलॉजी, स्मार्ट सेंसर और ओपन आर्किटेक्चर इसे एक असाधारण जेट बनाते हैं। इन अत्याधुनिक फीचर्स की मदद से यह जेट लंबी दूरी तक दुश्मनों का पता लगा सकता है और उन पर हमला कर सकता है, जिससे यह आधुनिक हवाई युद्ध में एक बेहद ताकतवर हथियार बन जाता है।

F-35 fighter jet के वेरिएंट

F-35 को अमेरिकी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) ने डिजाइन और मैन्युफैक्चर किया है। यह दुनिया के सबसे एडवांस और मल्टीरोल फाइटर जेट्स में से एक है। F-35 को फिलहाल ऑपरेशन में मौजूद एक सबसे स्टेल्थी फाइटर जेट माना जाता है। खबर में F-35 फाइटर जेट के संबंध में दी गई जानकारी अमेरिकी सेना द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले मॉडल पर आधारित है। यह जानकारी फाइटर जेट निर्माता लॉकहीड मार्टिन की ऑफिशियल वेबसाइट से जुटाई गई है। भारत को जो F-35 फाइटर जेट अमेरिका सप्लाई करेगा, उसकी कोई भी डिटेंल सामने नहीं आई है।

F-35 फाइटर जेट तीन प्रमुख वेरिएंट्स में उपलब्ध है-

F-35A – यह कन्वेंशनल टेकऑफ और लैंडिंग (CTOL) वेरिएंट है, जिसे मुख्य रूप से अमेरिकी वायु सेना (US Air Force) इस्तेमाल करती है।

Source- Lockheed Martin Official Website

F-35B – यह शॉर्ट टेकऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) वेरिएंट है, जिसे अमेरिकी मरीन कॉर्प्स (US Marine Corps) उपयोग करता है।

Source- Lockheed Martin Official Website

F-35C – यह कैरीयर-बेस्ड वेरिएंट है, जिसे अमेरिकी नौसेना (US Navy) के लिए डिजाइन किया गया है।

Source- Lockheed Martin Official Website

F-35 fighter jet: स्पीड, रेंज व अन्य फीचर

F-35 फाइटर जेट में F135 सिंगल इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जो 40,000 पाउंड का थ्रस्ट जनरेट करता है। इसकी मदद से यह जेट Mach 1.6 (करीब 1,200 मील प्रति घंटे) की स्पीड तक पहुंच सकता है।

F-35 फाइटर जेट का कॉकपिट अन्य लड़ाकू विमानों से बिल्कुल अलग है। इसमें पारंपरिक गेज या स्क्रीन्स नहीं होतीं, बल्कि बड़े टचस्क्रीन्स और हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम दिया गया है। यह सिस्टम पायलट को रियल-टाइम जानकारी दिखाने की क्षमता रखता है, जिससे उसे लड़ाई के दौरान बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।

F-35 फाइटर जेट का हेलमेट पायलट को सीधे विमान के आर-पार देखने की सुविधा देता है। यह संभव होता है F-35 के डिस्ट्रीब्यूटेड एपर्चर सिस्टम (DAS) और विमान के चारों ओर रणनीतिक रूप से लगाए गए छह इंफ्रारेड कैमरों की मदद से।

इन F-35 फाइटर जेट्स में 6,000 किग्रा से 8,100 किग्रा तक के हथियार ले जाने की क्षमता होती है। इसका मतलब है कि यह भारी हथियारों से लैस होने के बावजूद अपनी स्टेल्थ क्षमताओं को बनाए रख सकता है।

F-35 vs Rafale: कौन है ज्यादा दमदार?

भारत के पास फिलहाल सबसे एडवांस फाइटर जेट राफेल (Rafale) है। राफेल एक 4.5-जनरेशन मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिशनों में अपनी ताकत दिखा चुका है।

भारतीय जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज किया गया राफेल करीब $110-120 मिलियन प्रति यूनिट की कीमत पर आता है। यह फाइटर जेट अपनी फुर्ती, शक्ति और भारी हथियार ले जाने की क्षमता के लिए जाना जाता है।

हालांकि, इसमें F-35 जैसी स्टेल्थ टेक्नोलॉजी नहीं है, लेकिन यह हर ऑपरेशन के लिए तुरंत तैयार रहता है और किसी भी युद्ध स्थिति में बेहतरीन प्रदर्शन करता है।

F-35 स्टेल्थ टेक्नोलॉजी, सेंसर फ्यूजन और लॉन्ग-रेंज क्षमताओं में बेहद एडवांस है, लेकिन इसकी खरीद और संचालन लागत काफी ज्यादा है। इसका एडवांस रडार (AN/APG-81 AESA) और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम इसे लॉन्ग-रेंज और बियॉन्ड-विजुअल-रेंज (BVR) कॉम्बैट में बड़ी बढ़त देता है।

दूसरी ओर, राफेल में F-35 जैसी स्टेल्थ नहीं है, लेकिन यह बेहद फुर्तीला (agile) है और क्लोज-कॉम्बैट में शानदार प्रदर्शन करता है। एक्सटर्नल फ्यूल टैंक्स से लैस होने पर इसकी कॉम्बैट रेंज भी ज्यादा हो जाती है।

दोनों फाइटर जेट्स न्यूक्लियर-अटैक कैपेबल हैं, लेकिन जहां F-35 टेक्नोलॉजी के मामले में एक कदम आगे है, वहीं राफेल परफॉर्मेंस और लागत के बीच बेहतर संतुलन प्रदान करता है।

First Published : February 14, 2025 | 3:20 PM IST