सोने की बढ़ती कीमतों के बीच अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दौरान इस कीमती धातु की बिक्री पर चोट पड़ सकती हैं। आभूषण कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार अक्षय तृतीया पर सोने की बिक्री 20-30 प्रतिशत कम रह सकती है।
मेटल फोकस में मुख्य सलाहकार चिराग शेठ ने कहा कि सोने की कीमतें इस समय प्रति 10 ग्राम बढ़कर 60,000 रुपये हो गई हैं जिससे लोग इसकी खरीदारी से हिचक रहे हैं। शेठ ने कहा कि हालत यह है कि इस बार अक्षय तृतीया पर भी बिक्री फीकी रह सकती है। उन्होंने कहा, ‘महंगाई बढ़ने से भी लोग उन्हीं चीजों की खरीदारी को वरीयता दे रहे हैं जिनके बिना उनका काम नहीं चल सकता है। समझा जा रहा है कि सोने की मांग 20 प्रतिशत तक कम रह सकती है।’
वैसे अक्षय तृतीया पर सोने की मांग के संबंध में कोई आधिकारिक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है मगर बाजार पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि औसत मांग 15-20 टन रहती है। पिछले साल अक्षय तृतीया पर सोने की मांग मजबूत रही थी मगर इस साल यह कम रह सकती है। बढ़ती महंगाई भी एक बड़ी बाधा साबित हो रही है।
महंगाई उस समय और लोगों के उत्साह पर पानी फेर देती है जब उन्हें लगता है कि कीमतें कम होने वाली नहीं हैं। इससे हतोत्साहित होकर लोग खर्च कम करने लगते हैं। PWC ने उपभोक्ताओं के मिजाज को समझने के लिए एक सर्वेक्षण किया था जिसमें कहा गया है कि भारत में 63 प्रतिशत लोग गैर-जरूरी चीजों पर खर्च में कमी कर रहे हैं। इस सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि अगले छह महीनों में ज्यादातर लोग खर्च और कम कर देंगे।
PWC ने जून 2022 में एक ऐसा ही सर्वेक्षण किया था जिसके बाद से सभी श्रेणियों में नियोजित खर्च में भारी कमी देखने को मिली है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि ऐशो-आराम, महंगे उत्पाद, यात्रा और फैशन सहित विभिन्न खंडों में अगले छह महीनों के दौरान उपभोक्ताओं द्वारा किए जाने वाले खर्च में काफी कमी आ सकती है। किराना सामान खंड में भी खर्च में कमी आएगी मगर यह मामूली ही रहेगी। सोना उन वस्तुओं में शामिल है जिसकी खरीदारी में अभी से कमी आने लगी है।
कुछ दूसरे कारण भी हैं जिनसे अक्षय तृतीया पर सोने की बिक्री नरम रह सकती है। भारतीय सराफा एवं आभूषण संघ के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, ‘गुरु अस्त के कारण इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह मुहूर्त एवं समारोह नहीं हैं। इससे अक्षय तृतीया पर सोने की बिक्री पर सीधा असर हो सकता है। सोने की बढ़ती कीमतों से भी मामला बिगड़ रहा है और लोग आभूषण दुकानों पर जाने से कतरा रहे हैं। अक्षय तृतीया खरीदारी के लिए एक बड़ा अवसर जरूर होता है मगर मुहूर्त को लेकर असमंजस और बढ़ती कीमतें से सोने की बिक्री पिछले साल की तुलना में कम से कम 25 प्रतिशत तक कम रह सकती है।’
इस साल अक्षय तृतीया शनिवार शाम से शुरू हो रही है मगर त्योहारों से जुड़ी कई रस्में रविवार को पूरी की जाएंगी। शुभ मुहूर्त को लेकर उलझन की स्थिति रंग में भंग डाल सकती है।
Also Read: Akshaya Tritiya 2023: इस अक्षय तृतीया पर गोल्ड में पैसा लगाने से पहले इन 10 बातों का रखें ध्यान
रिद्धिसिद्धि बुलियंस के CEO एवं MD पृथ्वीराज कोठारी ने कहा, ‘अमेरिका में पिछले एक वर्ष के दौरान ब्याज दरें 500 आधार अंक बढ़ने के बाद वित्तीय संकट एवं कारोबार में सुस्ती और मंदी का खतरा बढ़ गया है। ऐसे संकटों में सोने और चांदी का प्रदर्शन दूसरी वित्तीय परिसंपत्तियों की तुलना में सदैव बेहतर रहा है और इन्होंने दो अंक में रिटर्न दिए हैं।’ जिन निवेशकों ने पिछले साल अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी की खरीदारी की थी उन्होंने 18.1 प्रतिशत मुनाफा कमाया है। यह पिछले तीन वर्षों में दर्ज सर्वाधिक रिटर्न है।
कोठारी की नजर में बढ़ती कीमतें जरूर सोने की खरीदारी पर असर डाल सकती हैं, खासकर तब जब ब्याज दरें 8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई हैं। कोठारी के अनुसार इससे मांग पर असर होगा। उन्होंने कहा,’जिन ग्राहकों ने सोना खरीदने के लिए पहले ऑर्डर दिए थे वे अक्षय तृतीया के दिन इसे (सोना) ले सकते हैं। जो निवेशक मासिक स्वर्ण योजनाओं में निवेश करते हैं वे पहले परिपक्व हो चुकीं योजनाओं के लिए भी अक्षय तृतीया के दिन सोना ले सकते हैं।’