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अदाणी विवाद: राहुल गांधी ने की गिरफ्तारी की मांग, विपक्ष ने JPC और CBI जांच पर दिया जोर

अमेरिका और भारत में विभिन्न योजनाओं के लिए 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत के मामले में विपक्ष हमलावर

Last Updated- November 21, 2024 | 11:28 PM IST
Adani controversy: Rahul Gandhi demands arrest, opposition insists on JPC and CBI investigation अदाणी विवाद: राहुल गांधी ने की गिरफ्तारी की मांग, विपक्ष ने JPC और CBI जांच पर दिया जोर

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोपों को मद्देनजर रखते हुए उद्योगपति गौतम अदाणी को फौरन गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उद्योगपति अमेरिका में लगे आरोपों से कांग्रेस के बार-बार उठाए जा रहे मुद्दों की पुष्टि होती है।

भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दिए जाने संबंधी इन आरोपों के सामने आने के कुछ घंटों बाद ही कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में राहुल ने कहा कि अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि अदाणी ने भारतीय और अमेरिका के कानूनों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा भी किया कि वह गारंटी देते हैं कि गौतम अदाणी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, न ही उनके खिलाफ कोई जांच होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी तथा केंद्र सरकार उन्हें बचा रही है।

अदाणी समूह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा कि उद्योगपति ने सभी कानूनों का अक्षरश: पालन किया है। कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जिन चार राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच अनुकूल शर्तों के बदले सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की रिश्वत देने की बात कही गई हैं, तो उस समय वहां भाजपा की सरकार नहीं थी। उस समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, ओडिशा में बीजू जनता दल, तमिलनाडु में द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) और आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार थी।

संसद सत्र में उठाएंगे मुद्दा

राहुल गांधी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में नेता प्रतिपक्ष के रूप में वह और पूरा विपक्ष अदाणी से जुड़े मामले को उठाएगा। जब पूछा गया कि अमेरिकी अभियोजकों ने उन राज्यों का नाम लिया है, जिनमें उस समय भाजपा की सरकार नहीं थी तो इस पर राहुल ने कहा, ‘यह जहां कहीं भी हुआ और वहां किसी की भी सरकार रही हो, भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को जेल में डालना चाहिए।

राहुल ने कहा कि अपराधीकरण और भ्रष्टाचार दो अलग-अलग मामले हैं। यदि अदाणी नियमानुसार काम कर रहे हैं, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर एनर्जी के ठेके हासिल किए। इस मामले में कथित रूप से 25 करोड़ डॉलर (करीब 2,236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई। अदाणी समूह ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोप निराधार हैं, समूह द्वारा सभी कानूनों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।

राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी ने नारा दिया, एक हैं तो सेफ हैं। भारत में नरेंद्र मोदी और अदाणी एक हैं तो सेफ हैं। हिंदुस्तान में अदाणी का कुछ नहीं किया जा सकता है।’ उन्होंने दावा किया, ‘यहां मुख्यमंत्री को जेल भेज दिया जाता है और अदाणी 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला कर भी बाहर घूम रहे हैं, क्योंकि नरेंद्र मोदी उनकी रक्षा कर रहे हैं।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अमेरिका की जांच में कहा गया है कि अदाणी ने हिंदुस्तान और अमेरिका में अपराध किया है, मगर भारत में अदाणी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अदाणी को संरक्षण दे रहे हैं और अदाणी के साथ अपराध में संलिप्त हैं।

राहुल गांधी ने कहा, ‘अदाणी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह दावा भी किया कि मामले की जांच होने पर आखिर में प्रधानमंत्री का नाम सामने आएगा। अदाणी के साथ जिन अन्य लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें उनके भतीजे और अदाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी और कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे विनीत जैन शामिल हैं।

दूसरी ओर, भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा करार दिया। भाजपा प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जहां तक अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों का सवाल है, तो यह कंपनी पर है कि वह स्पष्टीकरण जारी करके अपना बचाव करे। प्रधानमंत्री और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ राहुल के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पात्रा ने कहा, ‘कानून अपना काम करेगा।’

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के शासन वाले विभिन्न राज्यों में अदाणी समूह के निवेश का हवाला देते हुए पात्रा ने कहा कि समूह ने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के दौरान क्रमश: 25 हजार करोड़ रुपये और 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था।

उन्होंने कहा कि समूह ने द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) शासित तमिलनाडु में 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था और हाल ही में कौशल विकास फाउंडेशन के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को 100 करोड़ रुपये का दान दिया था। पात्रा ने कहा कि अगर अदाणी भ्रष्ट हैं, तो कांग्रेस सरकारें उनकी कंपनी को निवेश क्यों करने दे रही हैं।

आरोप बेहद गंभीर : विपक्ष

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य विपक्षी दलों ने अदाणी समूह की कार्यप्रणाली, दूसरे देशों में निवेश समेत पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराए जाने की मांग की है। माकपा ने इसकी सीबीआई जांच की मांग उठाई है।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने कहा, ‘अमेरिका द्वारा अदाणी समूह और गौतम अदाणी पर लगाया गया आरोप बेहद गंभीर है। गौतम अदाणी एक उद्योगपति हैं जिनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बहुत करीबी संबंध हैं। विपक्षी लगातार अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि जेपीसी एकमात्र संस्था है जो इस स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर सकती हैं। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा, ‘यह अब इतना गंभीर हो गया है कि देश की एजेंसियां और प्रभावशाली लोग इस मामले पर पर्दा डालने की लाख कोशिश कर लें, यह बेनकाब हो जाएगा।’

नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को अदाणी के खिलाफ आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि मोदी सरकार अब पर्दे के पीछे नहीं छुप सकती। अदाणी के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने कहा, ‘अगर यह सच है, तो यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। अब प्रधानमंत्री मोदी को भारत के लोगों को जवाब देना होगा।’

(साथ में एजेंसियां)

First Published - November 21, 2024 | 11:23 PM IST

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