facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

दिल्ली की बसों में 77 प्रतिशत महिलाएं अंधेरे के बाद असुरक्षित महसूस करती हैं: ग्रीनपीस रिपोर्ट

दिल्ली सरकार की किराया-मुक्त बस यात्रा योजना ने महिलाओं को जारी की गईं 100 करोड़ ‘पिंक’ टिकटों का आंकड़ा पार कर लिया है।

Last Updated- October 30, 2024 | 6:38 AM IST
Delhi bus
Representative Image

दिल्ली में 75 प्रतिशत से अधिक महिलाएं रात में दिल्ली की बसों में यात्रा करते समय असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि दिल्ली सरकार की किराया-मुक्त बस यात्रा योजना ने महिलाओं को जारी की गईं 100 करोड़ ‘पिंक’ टिकटों का आंकड़ा पार कर लिया है। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट ‘राइडिंग द जस्टिस रूट’ में गैर-सरकारी संगठन ‘ग्रीनपीस इंडिया’ ने बताया कि सर्वेक्षण में शामिल 75 प्रतिशत महिलाओं ने ‘पिंक टिकट’ योजना से महत्वपूर्ण बचत देखी है, जिसमें से कई ने इन निधियों को घरेलू जरूरतों, आपात स्थितियों और स्वास्थ्य सेवा पर खर्च किया है।

इसके अलावा, सर्वेक्षण में शामिल 25 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक बसों का उपयोग बढ़ा दिया है और महिलाएं जो पहले बसों से बचती थीं, अक्टूबर 2019 में योजना के शुरू होने के बाद से नियमित सवारी बन गई हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि सुरक्षा संबंधी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, क्योंकि 77 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि रात के समय बसों में सफर करते समय उन्हें असुरक्षित महसूस होता है।

First Published - October 30, 2024 | 6:38 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट