वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पॉलिसियों पर कर घटाने पर निर्णय फिलहाल टाल दिया है। जीएसटी परिषद नवंबर में अपनी अगली बैठक में इस विषय पर फैसला करेगी। विपक्षी दलों ने संसद सत्र में स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पॉलिसियों पर कर घटाने की मांग की थी। इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि इन दोनों बीमा पॉलिसियों पर प्रीमियम पर नहीं लगाया जाना चाहिए।
सोमवार को जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक हुई। बैठक में हुए निर्णयों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को जानकारी दी। सीतारमण ने कहा कि जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी पर विचार के लिए एक मंत्रिसमूह का गठन किया जाएगा।
इस मंत्रिसमूह की अध्यक्षता बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे। समूह को अक्टूबर अंत तक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पॉलिसियों पर 18 प्रतिशत जीएसटी घटाने के मुद्दे पर राज्यों के बीच काफी हद तक सहमति दिख रही है। सीतारमण ने कहा कि मंत्रिसमूह की रिपोर्ट आने के बाद जीएसटी परिषद इस मुद्दे पर निर्णय लेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि महंगी एवं नुकसानदेह वस्तुओं पर लिए जाने वाले उपकर संग्रह पर अलग से एक मंत्रिसमूह विचार करेगा। 31 मार्च 2026 तक इन वस्तुओं पर उपकर प्रभावी है। उन्होंने कहा कि परिषद ने कैंसर की कुछ दवाओं, हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की तीर्थ यात्रा और नमकीन पर जीएसटी घटाने का फैसला किया है।
परिषद ने सीट साझेदारी के आधार पर हेलीकॉप्टरों द्वारा यात्रियों के परिवहन पर जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी करने और पिछली अवधि के लिए जीएसटी को ‘जहां जैसा है’ के आधार पर नियमित करने का निर्णय लिया। परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि चार्टर हेलीकॉप्टरों पर 18 फीसदी जीएसटी बरकरार रहेगा।
कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। कुछ नमकीन पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक के दौरान परिषद ने दरों में बदलाव करने और ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्री समूह की स्थिति रिपोर्ट पर भी विचार-विमर्श किया।
1 अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म एवं कैसीनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया था। उससे पहले ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां यह कहते हुए 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान नहीं कर रही थीं कि हुनर की जरूरत वाले और संयोग के खेल (गेम ऑफ चांस) के लिए अलग-अलग कर दरें हैं।
जीएसटी परिषद ने अगस्त 2023 में अपनी बैठक में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 28 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इसके बाद कराधान संबंधी प्रावधान स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन किया गया। विदेशी गेमिंग कंपनियों के लिए जीएसटी प्राधिकरणों के पास पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया।