भारत

मध्य प्रदेश के प्रियॉरिटी सेक्टर में 3.13 लाख करोड़ की ऋण संभावना : नाबार्ड

स्टेट क्रेडिट सेमिनार में जारी किया गया स्टेट फोकस पेपर, कृषि और एमएसएमई क्षेत्र में सर्वाधिक ऋण

Published by
संदीप कुमार   
Last Updated- February 07, 2025 | 8:37 AM IST

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वर्ष 2025-26 में मध्य प्रदेश में प्रियॉरिटी सेक्टर में 3.13 लाख करोड़ रुपये की ऋण क्षमता का आकलन प्रस्तुत किया है। यह राशि पिछले वर्ष की 2.85 लाख करोड़ रुपये से लगभग 10 फीसदी अधिक है।

नाबार्ड द्वारा राजधानी भोपाल में आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में प्रस्तुत किए गए स्टेट फोकस पेपर के अनुसार 3.13 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित ऋण क्षमता में सबसे अधिक 1.79 लाख करोड़ रुपये का ऋण कृषि क्षेत्र को, 1.15 लाख करोड़ रुपये का ऋण सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम (एमएसएमई) तथा 0.18 लाख करोड़ रुपये का ऋण अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को देने का अनुमान पेश किया गया है।

सेमीनार को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने प्रदेश के कृषि एवं ग्रामीण विकास कार्यों में नाबार्ड के योगदान की सराहना करते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सारंग ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर प्रदेश को अपना योगदान देना होगा।

Also read: मध्य प्रदेश ने बढ़ाया शराबबंदी की दिशा में एक और कदम, धार्मिक महत्व के इन 17 नगरों में नहीं मिलेगी शराब

मध्य प्रदेश इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है और इसमें नाबार्ड जैसी संस्थाओं की अहम भूमिका है।’ उन्होंने बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों का आह्वान करते हुए आग्रह किया कि उन्हें अपनी ऋण नीतियों को ऋण प्राथमिकताओं के साथ सुसंगत बनाना चाहिए ताकि किसानों, उद्यमियों और ग्रामीण उपक्रमों को अबाध ऋण मिल सके। सारंग ने अर्थव्यवस्था के विकास में सहकारी संस्थाओं के योगदान को भी रेखांकित किया।

इस अवसर पर नाबार्ड मध्य प्रदेश की मुख्य महाप्रबंधक सी. सरस्वती ने किसानों का उत्पादकता बढ़ाने, एग्री-टेक नवाचारों को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में संस्थागत ऋण की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया।

First Published : February 7, 2025 | 8:34 AM IST