मैंने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के गिल्ट फंड में निवेश किया हुआ है, निवेश के समय से अब तक इसने काफी बढ़िया प्रदर्शन किया था। हालांकि, हाल ही में फंड का रिटर्न निगेटिव हो गया है।
यदि मैं गिल्ट फंड से स्विच करके किसी इनकम फंड में निवेश करुं तो क्या यह बेहतर होगा? एक्जिट लोड क्या मेरी पूंजी पर असर डालेगा?
राजेश गांधी
म्युचुअल फंडों के उद्योग में पिछला प्रदर्शन इस बात की गारंटी नहीं प्रदान करता है कि भविष्य में भी फंड कमोबेश इसी रफ्तार से नतीजे पेश करे। फिक्स्ड इनकम उत्पाद बाजार का परिचालन सामान्य नहीं चल रहा है और यह काफी उतार चढ़ाव भरा होता है।
ऐसे में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गिल्ट फंड का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा है, लेकिन अभी कुछ और समय के लिए यह अस्थिर बना रहेगा। गौरतलब है कि इन फंडों में कारोबार बड़े पैमाने पर होता है जिसकारण निवेशकों को अस्थिरता के दौर से सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
यदि निवेशकों द्वारा इस फंड में एक वर्ष तक और निवेश किया जाय तो इससे अब भी बेहतर रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है। वहीं इनकम फंड की बात की जाय तो उदार होते ब्याज दरों के इस दौर में यह एक बेहतर निवेश साबित हो सकता है।
फंडों की इस श्रृंखला में कार्पोरेट बांडों और गिल्ट्स के बीच स्विच करने की सुविधा होती है। ये न सिर्फ ब्याज दरों की गिरावट से लाभ प्रदान कर सकते हैं, बल्कि ये कार्पोरेट बांडों और गिल्टों के बीच घटते अंतर का लाभ दिलाने में सहायक हो सकते हैं।
डेट फंडों के मामले में प्रणालीबध्द निकासी योजना (सिस्टेमैटिक विड्रॉल प्लान – एसडब्ल्यूपी) पर कर की गणना कैसे की जाती है? मडेट फंड में तकरीबन 6 लाख रुपये का निवेश करके 20000 रुपये प्रतिमाह की एसडब्ल्यूपी शुरु करना कितना सही होगा। मैं उच्चतम कर दायरे के तहत आता हूं? –
पुरुषोत्तम पंडित
एसडब्ल्यूपी के तहत प्रत्येक निकासी पर कर वसूलने की पध्दति योजना की समयावधि पर निर्भर करती है। यदि निवेश एकमुश्त राशि में किया गया हो और आप एसडब्ल्यूपी का चुनाव करते हैं, तो योजना की समयावधि की गणना एकमुश्त राशि द्वारा किए गए निवेश की तारीख से की जाएगी।
वहीं एसआईपी में पहले आओ पहले जाओ का सिध्दांत लागू होता है। यदि योजना की समयावधि एक वर्ष से कम है, तो इस पर अल्पावधि पूंजी लाभ के तहत कर वसूला जाएगा। यदि समय-सीमा इससे आगे बढ़ जाती है तो आपसे दीर्घावधि पूंजी लाभ के तहत कर वसूला जाएगा।
डेट फंड के लिए दीर्घावधि पूंजी लाभ पर बिना इंडेक् शन 11.33 फीसदी की दर से कर वसूला जाता है और इंडेक् शन के साथ 22.66 फीसदी कर वसूला जाता है। अल्पावधि पूंजी लाभ पर वसूले जाने वाले कर के मामले में रिटर्न को आपकी आय में मिला दिया जाता है और उचित कर दायरे के तहत कर लागू किया जाता है।
यदि आपने डेट फंड में 6 लाख रुपये (एकमुश्त रकम) का निवेश किया और इसके बाद 20,000 रुपये प्रतिमाह की एसडब्ल्यूपी की शुरुआत की तो ऐसे में आपको एक वर्ष के दौरान अर्जित किए हुए मुनाफे पर अल्पावधि पूंजी लाभ के तहत कर देना पड़ेगा।
इसे आपकी आय में जोड़ दिया जाएगा और जबसे आप उच्चतम कर दायरे के तहत आते हो तबसे 30 फीसदी की दर से कर वसूला जाएगा। एक वर्ष के बाद एसडब्ल्यूपी के जरिये रकम की निकासी पर आपसे दीर्घावधि पूंजी लाभ के तहत कर वसूला जाएगा।
यदि कर बचाने का आपका उद्देश्य है तो आपको योजना की एक वर्ष की समयावधि के बाद एसडब्ल्यूपी शुरु करनी चाहिए। आपके मामले में दीर्घावधि पूंजी लाभ कर की तुलना में आपको अल्पावधि पूंजी लाभ पर अधिक कर देना पडेग़ा।
मैंने जनवरी के शुरुआत में बिड़ला सन लाइफ इनकम (ग्रोथ विकल्प) में इसकी रेटिंग के आधार पर निवेश किया था। हालांकि, हाल में मैंने देखा कि इस महीने में मेरी एनएवी 8 फीसदी तक चट हो गई है। क्या आप इसकी वजहें समझा सकते हैं?
नागु पी
फंड रेटिंग फंड के जोखिम-समायोजित रिटर्न का मापदंड होता है। यह 1 स्टार से लेकर 5 स्टार की श्रेणी में किया जाता है, जिसमें 5 स्टार रेटिंग सबसे बेहतरीन होती है। रेटिंग यह बताने की कोशिश करती है कि किसी फंड ने इसकी श्रेणी में आनेवाले अन्य फंडों के मुकाबले जोखिम लेकर किसप्रकार का प्रदर्शन किया हुआ है।
मसलन साफ जाहिर होता है कि रेटिंग से पिछले प्रदर्शनों का जानकारी हासिल होती है। यह जरुरी नहीं है कि जिसप्रकार फंड ने पिछले दिनों में प्रदर्शन किया है तो उसी प्रकार आगे भी इसमें अमूमन ऐसे ही प्रदर्शन की पुनरावृत्ति होगी। किसी फंड के चुनाव के लिए रैकिंग एकमात्र आधार नहीं होना चाहिए।
बिरला सन लाइफ इनकम फंड ने करीब 50 फीसदी की इसकी संपत्ति का निवेश सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में किया हुआ है, जोकि काफी अस्थिर हैं। सरकारी बांडों की कीमतों का इनकी ईल्ड से विपरीत संबंध होता है।
हाल ही में सरकारी बांडों की आय ऊपर की ओर पहुंच गयी थी, जिसके चलते इनकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी थी। ऐसे में इस फंड का रिटर्न गिरना लाजमी है क्योंकि इसकी आधी संपत्ति का निवेश सरकारी प्रतिभूतियों में हुआ है।
आपके फंड की निवेश समयावधि भी केवल एक महीने से अधिक की है। आप किसी भी फंड के प्रदर्शन को अल्पावधि में नहीं भांप सकते हैं।
आपने जिस फंड में निवेश किया हुआ है वह अच्छा फंड है। इसका पिछला प्रदर्शन काफी बढ़िया रहा है। ऐसे में आप फंड के साथ बने रहिए और अल्पावधि के कीमतों में उतार-चढ़ाव से परेशान मत हो।
लिक्विड प्लस फंड कितने सुरक्षित हैं? क्या यह बैंकों के बचत खातों के जितने ही सुरक्षित हैं?
के. के. सुब्रमण्यन
बैंक बचत खातों के जैसे सुरक्षित लिक्विड प्लस फंड नहीं हैं। लिक्विड प्लस फंडों के मामले में न तो मूलधन सुरक्षित होता है ना ही इसमें किसी निश्चित रिटर्न की संभावना होती है।
ये अल्पावधि के डेट फंड हैं जो अपनी संपत्ति का निवेश ट्रेजरी बिल्स, मनी मार्केट निवेश, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स, कमर्शियल पेपर्स, कार्पोरेट बांडों और डिबेंचरों में करते हैं।
निवेश के ये उपकरण बाजार में कारोबार करते हैं और आगे इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी रहता है। ये पहलू इन्हें जोखिम भरा बना देता है। लेकिन ये बैंक बचत खाते की अपेक्षा अधिक रिटर्न देते हैं।