दिल्ली की प्रॉपर्टी तथाकथित मंदी के असर से लगभग अछूती नजर आ रही है।
हालांकि मंदी के कारण प्रॉपर्टी बाजार के कारोबार में कमी जरूर दर्ज की गयी है। लेकिन इसकी कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। गत छह महीने के मुकाबले इसके कारोबार में 30-40 फीसदी तक की कमी आयी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में प्रॉपर्टी की कीमतों में कोई कमी नहीं होने जा रही है। बल्कि निर्माण से जुड़ी चीजों की कीमत बढ़ने से प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी आने की पूरी संभावना है। उनका यह भी कहना है कि पिछले दो सालों के दौरान प्रॉपर्टी के बाजार में जो तेजी आयी थी वह फिलहाल नहीं आने वाली है।
टीडीआई समूह के अध्यक्ष रवींद्र तनेजा कहते हैं, ‘मैं नहीं मानता हूं कि प्रॉपर्टी बाजार पर किसी भी प्रकार की मंदी का असर है। इसमें तो तेजी नजर आ रही है। हमलोग मुख्य रूप से देश के मध्यम वर्ग के लिए मकान का निर्माण करते हैं और इस वर्ग के बीच किसी भी प्रकार की मंदी नहीं है।’ प्रॉपर्टी बाजार के विशेषज्ञ भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि इसका बाजार भले ही कम हो गया हो लेकिन इसकी कीमत में कोई कमी नहीं आयी है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के पूर्व निदेशक (नॉर्थ) जयंत वर्मा कहते हैं, ‘सब प्राइम संकट का असर प्रॉपर्टी के बाजार पर भी देखने को मिला है लेकिन दिल्ली व आसपास के इलाकों में इसकी कीमत में कमी नहीं आयी है। निश्चित रूप से प्रॉपर्टी बाजार का कारोबार बीते एक साल से स्थिर चल रहा है और फिलहाल की स्थिति में प्रॉपर्टी बाजार में लंबे समय के लिए निवेश ही फायदेमंद हो सकता है।’ वे कहते हैं कि पिछले तीन सालों के दौरान जो तेजी आयी थी वैसी तेजी आगामी पांच-छह सालों में तो नजर नहीं ही आएगी।
जय श्री कृष्णा प्रॉपर्टी व डेवलपर्स के अधिकारी सुरेंद्र अग्रवाल कहते हैं, ‘छह माह पहले तक वे एक महीने में 20-25 प्रॉपर्टी का कारोबार करते थे जो घटकर 10-12 पर आ गया है। लेकिन कीमत में कोई कमी नहीं आयी है।’ अग्रवाल कहते हैं कि आने वाले समय में नए मकानों की कीमत बढ़ने वाली है। सोनीपत इलाके के कुंडली में सैकड़ों फ्लैट बना रहे अग्रवाल ने बताया कि जब उन्होंने फ्लैट बनाना शुरू किया था तब सरिया की कीमत 28 रुपये प्रतिकिलो थी जो बढ़कर 47 रुपये किलो हो गयी।
सीमेंट की कीमत में 5 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी हो चुकी है। स्टील के भाव में भी पिछले एक साल के दौरान 20-30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में निश्चित रूप से निर्माणाधीन मकान की कीमत बुकिंग के दौरान तय कीमत से अधिक हो जाएगी। आने वाले समय में भी बिल्डर्स प्रॉपर्टी बाजार को लेकर काफी आशान्वित है।
पार्श्वनाथ समूह के प्रवक्ता बीपी ढाका कहते हैं, ‘उनका समूह 70 नयी परियोजनाओं पर काम कर रहा है।’ टीडीआई के अध्यक्ष तनेजा ने कहा कि वे अपनी नयी परियोजनाओं की संख्या नहीं बताना चाहते हैं लेकिन कई सारी परियोजनाओं पर काम जारी है। हालांकि दिल्ली के प्रॉपर्टी बाजार के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि फाइनेंसर बाजार में तेजी ला रहे हैं। जबकि असली खरीदारों की कमी है।
लेकिन तनेजा इस बात को गलत ठहराते हैं। वे कहते हैं, ‘अगर बाजार में असली खरीदार नहीं होंगे तो फाइनेंसर किसी भी कीमत पर पैसा नहीं लगाएगा।’ ढाका के मुताबिक भी बाजार में खरीदार है। वे कहते हैं कि अब तो खरीदार अच्छे मकान की मांग कर रहे हैं और लागत में भी बढ़ोतरी हो गयी है तो निश्चित रूप से बाजार आने वाले समय में तेज होगा।
पश्चिमी दिल्ली के अपार्टमेंट में दो बेडरूम वाले फ्लैट (1200 वर्गफुट) की कीमत 50-85 लाख रुपये के बीच है। तो तीन बेडरूम वाले फ्लैट (1400 वर्गफुट) की कीमत 80-1.75 करोड़ रुपये तक बतायी जा रही है। तो दक्षिण दिल्ली में तीन बेडरूम वाली कोठियों की बिक्री 80 लाख से लेकर 2 करोड़ रुपये तक में हो रही है।