बाजार विश्लेषकों का कहना है कि वोडाफोन आइडिया द्वारा 14,500 करोड़ रुपये की कोष उगाही कर्ज में फंसी इस दूरसंचार दिग्गज को चिंताओं से उबारने के लिहाज से पर्याप्त साबित नहीं हो सकती है। उनका कहना है कि घोषित कोष उगाही वीआईएल के लिए मौजूदा बकाया चुकाने के लिए जरूरी पर्याप्त पूंजी की तुलना में काफी कम है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि आस्थगित देनदारियों पर ब्याज को इक्विटी में तब्दील करने जैसे ताजा घटनाक्रम – 35.8 प्रतिशत हिस्से के लिए 16,000 करोड़ रुपये की इक्विटी, इंडस टावर्स में वोडाफोन पीएलसी द्वारा हिस्सेदारी बिक्री जैसे ताजा घटनाक्रम और घोषित पूंजी उगाही से वीआईएल को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन लंबे दीर्घावधि के लिहाज से कंपनी के लिए चिंताओं से निकलने के की राह में चुनौती बनी रहेगी।’
गुरुवार को, आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन गु्रप यूके ने वीआईएल में 4,500 करोड़ रुपये लगाने का निर्णय लिया हे। कंपनी प्रवर्तक इकाइयों – यूरो पैसीफिक सिक्योरिटीज और प्राइम मेटल्स (वोडाफोन समूह की इकाइयां), और ओरियाना इन्वेस्टमेंट्स (आदित्य बिड़ला समूह की इकाई) के लिए तरजीही आधार पर 13.3 रुपये प्रति शेयर भाव पर 3.38 अरब शेयर जारी करेगी। निर्गम भाव 12.1 रुपये प्रति शेयर की कीमत के मुकाबले 10 प्रतिशत के प्रीमियम पर है और बुधवार के बंद भाव के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा है। इक्विटी निर्गम से मौजूदा इक्विटी आधार हिस्सेदारी में 12 प्रतिशत कमी को बढ़ावा मिलेगा।
नोमुरा के अनुसार, इंडस टावर्स को कोष देने के बाद वोडाफोन आइडिया के पास सिर्फ लगभग 2,550 करोड़ रुपये की पूंजी रह जाएगी, जो कंपनी के कायाकल्प के लिए पर्याप्त नहीं है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में विश्लेषकों का कहना है, ‘वीआईएल के पास शेष राशि का निवेश ताजा इक्विटी निवेश से उसके नेटवर्क में 1,000-2,000 करोड़ रुपये के आसपास होगा। 1.97 लाख करोड़ रुपये पर उसके मौजूदा शुद्घ कर्ज को देखते हुए कर्ज से मुक्त होना मुश्किल होगा और मौजूदा 4,000 करोड़ रुपये से सालाना पूंजीगत खर्च दर बढ़ाने की क्षमता सीमित हो जाएगी। ज्यादा ऊंचे इक्विटी निवेश और एआरपीयू सुधार वीआईएल की प्रतिस्पर्धी क्षमता सुधारने के लिए जरूरी हैं।’
वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने इक्विटी शेयरों या डेट योजनाओं के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाने का भी प्रस्ताव रखा है जिससे संघर्ष से जूझ रही दूरसंचार दिग्गज के लिए कुल कोष उगाही 14,500 करोड़ रुपये हो गई है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह देखना अभी बाकी है कि यदि कोई बाहरी बड़े निवेशक वोडाफोन की आगामी 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी उगाही में हिस्सा लेते हैं या नहीं, क्योंकि इसमें कंपनी को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सितंबर के अंत तक, वीआईएल का सकल ऋण 1.9 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें 1.08 लाख करोड़ रुपये की आस्थगित स्पेक्ट्रम देनदारी, 63,400 करोड़ रुपये की एजीआर देनदारी और 22,770 करोड़ रुपये का बैंक ऋण शामिल है।
