यूबीएस परिसंपत्ति प्रबंधक 360 वन डब्ल्यूएएम को अपना भारतीय ऑनशोर वेल्थ कारोबार 3.07 अरब रुपये (3.6 करोड़ डॉलर) में बेचेगा। इसके साथ ही वह मुंबई की इस कंपनी में लगभग 5 फीसदी हिस्सेदारी लेगा। भारतीय कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह यूबीएस के स्थानीय स्टॉक ब्रोकिंग और वितरण व्यवसाय, डिस्क्रेशनरी और नॉन-डिस्क्रेशनरी पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा व्यवसाय तथा शेष लोन पोर्टफोलियो को खरीदेगी। यूबीएस ने एक अलग बयान में कहा कि वह 360 वन में 4.95 फीसदी हिस्सेदारी करीब 19 अरब रुपये (सोमवार के बंद भाव के हिसाब से) में खरीदेगा। उसने कहा कि वह सिंगापुर में 360 वन के ग्राहकों को सेवा प्रदान करने का काम भी खरीदेगा।
इस सौदे के तहत यूबीएस अपने भारत के ऑनशोर वेल्थ कारोबार में इक्विटी नियंत्रण छोड़ देगा जबकि अपने स्थानीय साझेदार के ऑफशोर वेल्थ कारोबार को अपने हाथ में ले लेगा। यूबीएस एक दशक से भी अधिक पहले भारतीय ऑनशोर वेल्थ कारोबार से बाहर हो गया था, लेकिन 2023 में क्रेडिट सुइस के वैश्विक अधिग्रहण के साथ ही इसमें वापस आ गया।
सिटी के विश्लेषकों ने रिपोर्ट में कहा कि यूबीएस के बड़े वैश्विक ग्राहक आधार, विशेष रूप से संस्थागत ग्राहकों को घरेलू समाधान प्रदान करने के अलावा अपने भारतीय ग्राहक आधार को वैश्विक संपत्ति समाधान प्रदान करने की 360 वन की क्षमता प्रतिस्पर्धियों पर महत्त्वपूर्ण बढ़त हासिल करने में मददगार हो सकती है। मंगलवार को 360 वन के शेयरों में 1.1 फीसदी की तेजी आई। सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत में धनी व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के बावजूद, विदेशी निजी बैंकों को स्थानीय कंपनियों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा और नियामकीय सीमाओं के कारण देश में राजस्व बढ़ाने के लिए जूझना पड़ रहा है जिससे कई बैंकों को बाजार से बाहर निकलना पड़ा है। भारत में यूबीएस का वेल्थ पार्टनरशिप मॉडल हाल के वर्षों में अन्य एशियाई संपत्ति बाजारों में विस्तार के उसके प्रयासों के विपरीत है।