पिछले 14 महीनों में जब से अजय श्रीनिवासन ने आदित्य बिडला समूह के फाइनेंशियल सर्विसेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यभार संभाला है तब से उन्होंने कारोबार केविस्तार पर पूरे जोर-शोर से ध्यान दिया है। अभिनीत कुमार के साथ साक्षात्कार में श्रीनिवासन ने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारत में कारोबार की संभावनाएं मौजूद हैं और मिल रहे संकेतों से यह पता चलता है कि आनेवाले समय में खपत बढ़ेगी और इस साल बेहतर विकास होगा। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश
अभी हाल तक आपके बीमा और म्युचुअल फंड के कारोबार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था लेकिन अब ये अपने संबंधित क्षेत्रों में टॉप की पांच कंपनियों में शामिल हैं। यह प्रदर्शन कैसे हासिल किया?
हमारा लक्ष्य विस्तृत कारोबार के क्षेत्र में अलग अग्रणी भूमिका निभाने की है। पिछले 12 महीनों में हमने अपना ध्यान अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, अपने उत्पाद की संख्या में बढोतरी और अपनी टीम को और अधिक मजबूत बनाने पर दिया है।
इसका असर सकारात्मक रहा है जिसकेकारण कि हमें बेहतर परिणाम मिले हैं।
इस साल जून को समाप्त हुई तिमाही में बीमा क्षेत्र में निजी क्षेत्रों की बीमा कंपनियों में हम चौथे पायदान पर रहें हैं। बाजार में हमारी हिस्सेदारी 8.15 प्रतिशत ईअर-टू डेट हिस्सेदारी रही है जोकि पिछले साल यानी 2007 के 5.3 प्रतिशत की तुलना में महत्वपूर्ण बढ़त हैं।
अमेरिकी वित्तीय संकट का भारतीय पूंजी बाजारों पर क्या असर पड़ेगा?
अमेरिकी वित्तीय संकट का असर अमेरिका से जुडी अर्थव्यवस्था और पश्चिमी देशों से आनेवाले पूंजी प्रवाह पर जरूर पड़ेगा। पूंजी बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारतीय बाजार में भागीदारी की सीमा के उनसार भारतीय बाजार निश्चित तौर पर अन्य वैश्विक बाजारों से जुडा है।
हालांकि भारत में बड़े घरेलू बाजार और अपेक्षाकृत बाहरी क्षेत्रों में कम भागीदारी से भारतीय अर्थव्यवस्था का जुड़ाव वैश्विक अर्थव्यवस्था से कम होने की संभावना है। भारत में कई ऐसी बाते हैं जिससे संकेत मिलता है कि उपभोग में बढ़ोतरी होगी और जिससे कि इस साल आर्थिक विक ास जोर पक ड़ेगा।
लेकिन वित्तीय उत्पादों की मांग पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा?
आरंभिक दौर में स्पष्ट रूप से पूरे विश्व में जोखिम कम लेने की बात है। हालांकि वित्तीय सेवाओं के विकास का संबंध आर्थिक विक ास से है और अगर हमारी नजर में भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर है तो इस क्षेत्र में मजबूत विकास जारी रहना चाहिए।
हाल में ही आपने एक ब्रोकिंग फर्म खरीदी है। क्या बाजार की मंदी का इस्तेमाल कर अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं?
जब हम अपने दीर्घ अवधि के लिए कारोबार कर रहें हैं तो फिर लघु अवधि में होनेवाले असर क ो लेकर हम चिंतित नहीं हैं। भारत में बुनियादी विकास, अधिक बचत दर और वित्तीय उत्पाद के लोगों तक पहुंच कम होना इस बात का संकेत देता है कि अभी कारोबार की जबदस्त संभावनाएं हैं।
आपकी एनबीएफसी बिडला ग्लोबल फाइनेंस का फोकस क्या है?
हमारा एनबीएफसी कारोबार ग्राहक अधिग्रहण करोबार के उद्देश्य के लिए नहीं हैं और हमारा कंज्यूमर फाइनेंस में उतरने का कोई इरादा नहीं है। हमारे इस कारोबार का उद्देश्य अपने अन्य कारोबारों और प्रमुख कारोबारों को फंड मुहैया कराना है।
प्राइवेट इक्विटी कारोबार के लिए आपकी क्या रणनीति है?
हमने इसकेलिए एक कुशल टीम का निर्माण किया है यह भविष्य में थर्ड पार्टी फंड जुटाएगी। हमारी विभिन्न क्षेत्रों में समझ और समूह के बड़े नेटवर्क के कारण हम बेहतर स्थिति में हैं।