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बाजार 2,850 अंकों के स्तर पर सपोर्ट पाने को तैयार

Last Updated- December 09, 2022 | 2:57 PM IST

इस साल के अंत में आखिरकार बाजार में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी जहां 7.15 फीसदी गिरावट के साथ 2,857 अंकों पर बंद हुआ वहीं सेंसेक्स 7.6 फीसदी लुढ़क कर 9,328 अंकों पर बंद हुआ।


डेफ्टी में भी 9.6 फीसदी की गिरावट आई जिसकी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के कारण रुपये में आई गिरावट रही।

बाजार में कारोबार से मिल रहे संकेत भी नकारात्क ही रहे। कारोबार के दौरान एडवांस की तुलना में गिरावट का दौर ज्यादा रहा।

कारोबार की मात्रा में गिरावट को भी बेहतर संकेत नहीं माना जा सकता है। बीएसई 600 में 6.6 फीसदी की गिरावट आई और अन्य प्रमुख सूचकांक जैसे जूनियर, सीएनएक्सआईटी, मिडकेप-50 और बैंकनिफ्टी में खासा नुकसान देखा गया। कारोबारी सत्र के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जमकर बिकवाली की।

नजरिया: इस सप्ताह दो तरह की संभावनाएं बनती दिख रही हैं। पहली ये कि 2,850 अंकों पर सपोर्ट को तोड़ते हुए बाजार में कारोबार में गिरावट आएगी और यह 2,600-2850 अंकों के कारोबारी दायरे में आ जाएगा।

दूसरी संभावना यह बन रही है कि उछाल के कारण 3,100 अंकों के स्तर पर प्रतिरोध का सामना करना पड सकता है। पहली संभावना की स्थिति ज्यादा बनती नजर आ रही है।

तर्क: 2,850 अंकों और इससे नीचे स्पष्ट रूप से सपोर्ट मिलने की संभावना है यह 2,500 अंकों के स्तर तक बना रहेगा।

इसके अलावा 3,100 अंकों के स्तर पर प्रतिरोध का सामना करना पड सकता है जो पिछले पखवारे में दो बार देखने को मिला। कारोबार की कम मात्रा और रफ्तार में कमी आने से गिरावट की संभावना नजर आ रही है।

दूसरा तर्क: कारोबारी मात्रा के लिहाज से बाजार की हालत खस्ता लगती है और साथ ही जनवरी का कैरीओवर भी कम रहा। इससे निरूत्साह की की स्थिति पैदा हो जाती है। संतुलित स्थिति में एडवांस की अपेक्षा गिरावट की ज्यादा संभावना है।

लेकिन नए साल केसाथ ही कारोबार की मात्रा में तेजी आ सकती है और अगर विदेशी संस्थागत निवेशक सकारात्क रुख के साथ कारोबार करने आते हैं तो बाजार 3,100 अंकों या इससे ऊपर जा सकता है।

तेजड़िया और मंदडिया: पिछले तीन सप्ताहों में जो सबसे दिलचस्प बात रही है वह है कारोबार की गहराई। बाजार में बढ़त और ब्रेकआउट की स्थिति में गिरावट की अपेक्षा एडवांस का सिक्का चला जबकि खराब हालात में गिरावट का दौर रहा और एडवांसेस में काफी कमी आई।

कारोबार की नजर अब तीसरे तिमाही के परिणामों पर आकर टिकी है जबकि दूसरी प्रमुख बात ब्याज दर और इससे जुड़े अन्य क्षेत्र हैं। पिछले सप्ताह सबसे ज्यादा नुकसान बैंकों को हुआ जबकि ऑटो और रियल एस्टेट के शेयरों में भी गिरावट का दौर रहा।

कच्चे तेलों की कीमतों में आई गिरावट से तेल शोधन और इसकेबाजारीकरण में दिलचस्पी को एक बार फिर जगा दिया है। सरकारी बैंकों के अलावा निजी क्षेत्रों के शेयरों जैसे आरपीएल और आरएनआरएल के कारोबार में तेजी आ सकती है।

डीएलएफ
मौजूदा भाव: 275 रुपये
लक्ष्य: 255 रुपये


शेयरों की बिकवाली हुई है जो हाल में ही 315 रुपये के स्तर पर शुरू हुई थी। मौजूदा स्तर पर कुछ सपोर्ट की उम्मीद है लेकिन अगर यह सपोर्ट टूटता है तो आगे चलकर 250-255 अंकों के बीच बेहतर सपोर्ट मिलेगा। 280 रुपये के स्तर पर ठहरकर फिर शॉर्ट जाने की सलाह दी जाती है।

एस्सार ऑयल
मौजूदा मूल्य: 83 रुपये
लक्ष्य: 94 रुपये

शेयरों की कीमत उस स्तर तक गिर चुकी है जहां इसे बेहतर सपोर्ट मिलता दिखाई दे रहा है। अगर यह इस स्तर पर इसमें ठहराव आता है तो फिर 93-95 रुपये तक के स्तर केबीच तेजी आ सकती है। 81 रुपये पर ठहरकर फिर लांग जाने की सलाह दी जाती है।

एचडीएफसी बैंक
मौजूदा भाव: 972 रुपये
लक्ष्य: 1,025


शेयरों की उस स्तर तक बिकवाली की गई है जब तक इसने बेहतर सपोर्ट के स्तर को छुआ है। शॉर्ट-कवरिंग या जेनरिक रिकवरी होने पर 105 रुपये के स्तर तक बढ़त मिल सकता है। 965 रुपये के स्तर पर ठहरकर लांग लेने की सलाह दी जाती है।

First Published - December 28, 2008 | 10:39 PM IST

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