पिछले 6 महीनों में सोने की कीमत में लगातार तेजी बनी हुई थी और 17 जुलाई को सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर 13,625 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई।
धातु में निवेश करने वालों के लिए लंबे समय से सोना आंखों की चमक बढ़ा रहा था, लेकिन अगस्त के दूसरे सप्ताह में सोने की चमक कुछ फीकी पड़नी शुरू हो गई। 16 अगस्त को सोना 11,211 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया।
गुरुवार, 14 अगस्त को 11,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के साथ शेयर बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट को देखते हुए एक धातु विश्लेषक (नाम छुपाए रखने की शर्त पर) का कहना है, अगर आपको 10 किलो सोना खरीदना है तो निवेश के लिहाज से आप मौजूदा स्तर पर धीरे-धीरे शुरुआत कर सकते हैं।
उद्योग विश्लेषकों के अनुसार गोल्ड गिनी वायदा सौदा किया जा सकता है, जिसे असल निवेश कह सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ से बेहतर मौजूदा हालात में गिनी में निवेश करना है। निवेश का स्तर निवेशक अपने जोखिम उठाने की क्षमता को देखते हुए कर सकता है। खरीदने वाले 8 हजार रुपये से लेकर जितनी उनकी इच्छा हो उतना कर सकते हैं, लेकिन शुरुआत करने के लिए कुल निवेश का 25 प्रतिशत पैसा इसमें लगाया जा सकता है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार सोने के वायदा कारोबार में कीमतों में गिरावट का दौर लंबे समय तक जारी रह सकता है। वायदा कारोबार अक्टूबर, 2008 में 11,270 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ, जबकि दिसंबर, 2008 11,399 रुपये प्रति दस ग्राम और फरवरी, 2009 11,500 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ।
उद्योग जगत के कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अभी भी सोने की कीमतों के ऊपर जाने की संभावनाएं काफी कम हैं। बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन का कच्चे तेल की गिरती कीमतों को देखते हुए अनुमान था कि इस महीने के अंत तक सोने की कीमत 11,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती हैं। सोने की कीमतें एसोसिएशन के अनुमान से लगभग 250 रुपये नीचे गिर चुकी हैं।
उद्योग विश्लेषकों के अनुसार मौजूदा स्थितियों को देखते हुए उम्मीद है कि एक महीने में सोने की कीमतें 10,500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि श्राध्द में कीमतें स्थिर रह सकती हैं और दिवाली तक कीमतें में तेजी देखी जा सकती है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2008 की पहली छमाई में भारतीय सोने के गहनों के बाजार में मांग में 47 फीसदी गिरावट आई है, जबकि कुल मांग में 45 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल निवेश में 41 फीसद की कमी आई है। उद्योग जगत मांग और निवेश में आई इस कमी की वजह एक वर्ष में सोने के दाम लगभग 40 प्रतिशत तक बढ़ जाना माना जा रहा है।
सोने की घटती कीमतें इस कीमती धातु में निवेश करने को इच्छुक लोगों का ध्यान एक बार फिर आकर्षित कर रही हैं, लेकिन कुछ उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि घटती कीमतों की वजह से निवेश के लिहाज से फिलहाल सोने में पैसा नहीं लगाया जा सकता। मांग में कमी के चलते सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। एक बार फिर जब मांग बढ़ेगी सोने की कीमतें दोबारा ऊंची चढ़ जाएंगी।
वैल्यू रिसर्च के मुख्य कार्यकारी धीरेन्द्र कुमार का कहना है, ‘अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो ही सोने की कीमतों को देखते हुए निवेश किया जा सकता है, लेकिन कम समय के लिए सोने में निवेश करना सही नहीं है। 10 या 20 वर्ष का समय ठीक रहेगा।’ बाजार को भांपते हुए धीरेन्द्र कुमार गोल्ड इक्विटी फंड में भी निवेश करने की सलाह नहीं दे रहे। वे कहते हैं, ‘जिसका पोर्टफोलियो 5 लाख रुपये का है, वह पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए 25 हजार रुपये तक निवेश कर सकता है।’