बढ़ती महंगाई के दौर में निवेशक को थोड़ी ज्यादा सावधानियां बरतनी चाहिए। एक तरफ खर्च का पलड़ा ऊपर की तरफ उठता है, क्योंकि इस्तेमाल होने वाली चीजों पर भी महंगाई की मार पड़ गई है और वे भी पहले से महंगी हो चुकी हैं।
वहीं दूसरी ओर निवेश की कीमत या मूल्य कम होता है, क्योंकि महंगाई के बाद रिटर्न की असली दरें गिरने लगती हैं। चलिए इसे एक उदाहरण की मदद से समझते हैं।
कुल निवेश : 10 हजार रुपये
निवेश पर रिटर्न (एक साल) : 8 प्रतिशत
रिटर्न के साथ साल का अंत : 10,800 रुपये
महंगाई : 7 प्रतिशत
रिटर्न की असल दर : 1 प्रतिशत (10,100 रुपये)
कर : 33 प्रतिशत = 264 रुपये (अगर आप आय कर के उच्चतम स्लैब में हों तो)
वास्तविक रिटर्न : 10,100 रुपये-264 रुपये = 9,936 रुपये
ऐसे में अगर महंगाई दर 7.5 प्रतिशत को पार कर जाती है, निवेशक इस बात को सोचने पर मजबूर हो जाता है कि वह कैसे अपने पैसे को किसी योजना में लगाए जहां से उसे कुछ राहत मिले। यहां कुछ ऐसे ही निवेशों के बारे में बताया जा रहा है।
बड़ी सावधि जमाखाता योजना : अगर आप यह नहीं जानते कि बैंक ब्याद दरें बढ़ेंगी या कम होंगी तब आप एक वर्ष अवधि वाले सावधि जमाखाते में पैसे लगाने के बाद दोबारा एक साल जितने कम समय के लिए सावधि जमा खाता में पैसे निवेश कर सकते हैं, जहां आप इस पैसे पर 9.5 प्रतिशत ब्याज कमा सकते हैं।
6 महीने, 30 दिन या फिर 359 दिन के सावधि जमाखाते से दूर ही रहें, क्योंकि इसमें आपको 6 से 7.5 प्रतिशत रिटर्न ही मिलेगा जो मुश्किल से ही आपको महंगाई की मार से सुरक्षा दिला सकता है। जब तक कि आप 1 वर्ष या इससे कुछ दिन ऊपर का जमा खाता नहीं अपनाते, आप 8 प्रतिशत या उससे अधिक का रिटर्न नहीं पा सकते।
साथ ही आप बैंक से बात करें कि वे सावधि जमाखाते पर 6 महीने के बजाए 3 महीने के आधार पर ब्याज की गणना करें। इससे तेज दर पर आपको रिटर्न मिलेगा। अपने सावधि जमाखाते पर 10.25 प्रतिशत का बड़ा रिटर्न पाने के लिए आप अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ संयुक्त खाता खुलवाएं, जिसकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो। इस खाते पर लगने वाला ब्याज कर मुक्त होगा, क्योंकि इसमें आपके साथ एक वरिष्ठ नागरिक भी शामिल है।
भविष्य निधि में करें निवेश : आप अपना पैसा हर महीने की पांचवी तारीख से पहले भविष्य निधि खाते में भी डाल सकते हैं। यह इसलिए क्योंकि इसमें ब्याज की गणना हर महीने की पांचवी और अंतिम तिथि के बीच में खाते में मौजूदा रकम पर की जाती है। जल्दी पैसे देने का मतलब अधिक ब्याज।
अपने बच्चे के नाम पर एक भविष्य निधि खाता खुलवाने और वह भी इस तरह से जब आपका बच्चा व्यस्क हो जाए तो वह खाता भी परिपक्व हो जाए। इससे धारा 64 के तहत आपके रिटर्न में दोनों की आय को मिलने से बचाया जा सकता है। आप अपने कर्मचारी भविष्य निधि में अपने हिस्से को आधार वेतन का 20 प्रतिशत तक ले जा सकते हैं। इस पर ब्याज दर काफी दमदार 9.5 प्रतिशत है।
डाक घर और राष्ट्रीय बचत पत्र : अगर आपको ध्यान हो तो राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) आपको 5 प्रतिशत तक के लिए आय कर में छूट दिलाता है, क्योंकि इस योजना में ब्याज खुद-ब-खुद दोबारा निवेश होता रहता है और इसलिए आप कर में छूट का दावा कर सकते हैं। हालांकि छठे वर्ष में आते ही इस योजना में कर का दबाव भी पड़ जाता है, इसलिए बेहतर यही होगा कि इस निवेश को पांचवे वर्ष में ही निकाल लिया जाए और सावधि जमाखाते में डाल दिया जाए।
डाक घर की मासिक आय योजना में फायदा यह है कि पैसा हर महीने 8 प्रतिशत से बढ़ जाता है, जिसके लिए 1500 रुपये शुरुआत में निवेश करना पड़ता है। बेशक इसमें एक व्यक्ति 4.5 लाख रुपये और एक जोड़ा अपनी ब्याज से प्राप्त होने वाली आय को बढ़ाने के लिए 9 लाख रुपये जमा करवा सकता है। कोई भी ब्याज से होने वाली आय को डाक घर के आवर्ती जमाखाता (आरडी) में पुन: निवेश कर सकता है, जहां उसे निवेश पर 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। इसके लिए तिमाही को आधार बनाया जाता है।
जब आप डाक घर के मियादी जमाखाते में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं, तब ध्यान दें कि 1 वर्ष के लिए 6.25 प्रतिशत ब्याज मिलता है, वहीं 5 वर्ष के निवेश के लिए 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है। साथ ही किसान विकास पत्र में 8.41 प्रतिशत ब्याज मिलता है जो 8 वर्ष और 7 महीने के समय में दोगुना हो जाता है।
वरिष्ठ नागरिक योजना : क्या आप पहले से ही वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश कर चुके हैं? आप चाहें तो इस योजना के शुरुआती पांच वर्षों को और आगे तीन वर्षों के लिए बढ़ा सकते हैं। इसमें आपको 9 प्रतिशत ब्याज मिलता है और इस खाते में आप 8 वर्षों के लिए 15 लाख रुपये तक जमा करवा सकते हैं। इसमें ब्याज खाताधारक के खाते में हर तिमाही पर जमा कराया जाता है।
आप ऐसी किसी पेंशन योजना के साथ न जाएं जिनमें बीमा करवर या गंभीर बीमारी कवर के लाभ दिए जा रहे हों। ये आपको अधिक महंगर पड़ सकती है। साथ ही आप इस बीमा लागत पर कर में छूट के लिए दावा भी नहीं कर सकते।
सोने में सुहागा : चूंकि सोना हमेशा महंगाई के साथ आगे बढ़ता है तो आप चाहें तो अपने पोर्टफोलियों का लगभग 15 प्रतिशत सोने में निवेश कर सकते हैं जो सुरक्षित है। इसी के साथ रियल एस्टेट में निवेश पर भी सही रिटर्न मिलते हैं। अगर आपके पास एक घर है तो आप दूसरे घर को लेने के लिए बैंक से कर्ज ले सकते हैं।
उसके बाद इसे किराए पर लग दें और उससे अपने कर्ज की रकम का भुगतान करें। व्यावसायिक परिसंपत्ति की खरीद पर अधिक लगभग 12 प्रतिशत तक रिटर्न मिलता है, जबकि रिहायशी परिसंपत्ति में यह आंकड़ा 6 प्रतिशत है। बेशक इक्विटी हमेशा उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होती हैं, जो अधिक रिटर्न की चाह रखते हैं, लेकिन ध्यान रहे वह एक समय के बाद ही 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न दे पाती हैं।
महंगाई के दौर में निवेश के कुछ नियम जिनका ध्यान रखना है जरूरी :
छोटे-छोटे निवेश के स्थान पर एक बड़ा निवेश करना बेहतर होगा, क्योंकि संयोजित होने के कारण इस पर आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
जो आय कर की उच्च स्लैब में आते हों, उन्हें ऐसी योजना में निवेश करना चाहिए जिसमें निकासी पर कर न लगता हो। जैसे कि कई तरीकों में भविष्य निधि योजना को अपनाया जा सकता है।