लोग कितने सचेत हो जाते अगर उन्हें यह मालूम हो जाता कि विपत्ति या दुर्घटनाएं किसी खास दिन किसी खास समय पर घटित होने वाली हैं। लेकिन ऐसा होता नहीं है।
विपत्ति और दुर्घटनाएं कभी भी किसी के साथ भी घटित हो सकती हैं। ऐसा भी नहीं है कि वह केवल सड़क पर ही घटित हो, यह ऑफिस में काम करते समय या घर पर अपनी दैनिक क्रियाएं करते वक्त भी घटित हो सकती है। आर्थिक दृष्टिकोण से देखें इनका दोहरा प्रभाव पड़ता है।
एक ओर जहां आप ईलाज करवाने में खर्च करते हैं वहीं दूसरी ओर जितने दिनों तक आप अस्पताल या घर पर होते हैं आपकी उतने दिनों की आय बाधित होती है। यहां दुर्घटना बीमा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।चिकित्सकों और उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो 45 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की अपेक्षा दुर्घटना की समस्याएं अधिक होती हैं।
उनके अनुसार 20-40 वर्ष की आयु वाले लोगों की मृत्यु कम होती है, वे अपंगता से ज्यादा पीड़ित होते हैं। अपंगता की प्रमुख वजह दुर्घटना ही होती है और इसलिए दुर्घटना बीमा की जरूरत को नहीं नकारा जा सकता है।कहां से लें दुर्घटना बीमासाधारण बीमा कंपनियां और जीवन बीमा कंपनियां दोनों ही दुर्घटना बीमा की पेशकश करती हैं।
साधारण बीमा कंपनियों से आप विशुध्द दुर्घटना बीमा की खरीदारी कर सकते हैं। जीवन बीमा कंपनियां जीवन बीमा कवर के साथ इसे राइडर के रुप में पेश करती हैं।क्या-क्या कवर होता हैपरिभाषा के अनुसार इस पॉलिसी के तहत दुर्घटना से शरीर को पहुंचने वाला ऐसा चोट जो वाह्य, तीव्र और दृश्य हो कवर किया जाता है।
दुर्घटना से होने वाले चार तरह की परिस्थितियों में यह आपको कवर प्रदान करता है जिनमें मृत्यु, संपूर्ण स्थायी अपंगता, आंशिक स्थायी अपंगता और संपूर्ण अस्थायी अपंगता शामिल हैं। कितना होता है इनका प्रीमियमऑप्टिमा इंश्योरेंस ब्रोकिंग कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी राहुल अग्रवाल ने बताया, ‘आमतौर प्रति एक लाख सम एश्योर्ड के लिए सालाना प्रीमियम 180 रुपये का होता है।
पांच वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति(कुछ मामलों में 80 वर्ष) यह पॉलिसी ले सकता है। इसका प्रीमियम उम्र के अनुसार नहीं बदलता है।’ उन्होंने बताया कि अधिकांश साधारण बीमा कंपनियां खास तौर से सरकारी बीमा कंपनियां अधिकतम पांच लाख रुपये तक का सम एश्योर्ड देते हैं, टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का सम एश्योर्ड की पेशकश करती है लेकिन यह आपकी आय पर निर्भर करता है।
अगर आप अपने साथ-साथ परिवार के सदस्यों के लिए भी दुर्घटना बीमा लेते हैं तो कंपनी प्रीमियम पर लगभग 10 प्रतिशत की छूट देती है। बीमा कंपनियां वकील, लेखाधिकारी, शिक्षक, चिकित्सक आदि को जोखिम के सामान्य वर्ग में रखती है, भवन निर्माता, ठेकेदार, अभियंता, जानवरों के चिकित्सक आदि को जोखिम के मध्यम वर्ग में रखती है।
उच्च जोखिम वर्ग में वैसे लोग आते हैं जो उच्च जोखिम वाले उद्योग से जुड़े हुए हैं। सरकारी बीमा कंपनियां जोखिम वर्ग के मुताबिक प्रीमियम लेती हैं जबकि प्राइवेट बीमा कंपनियां सबसे एक समान प्रीमियम लेती हैँ।व्यापक बीमा कवर का करें चयनजब कभी आप व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लेने जाएं व्यापक कवर का चुनाव करें जिसके तहत चारों तरह की परिस्थितियां- मृत्यु, संपूर्ण स्थायी अपंगता, आंशिक स्थायी अपंगता और संपूर्ण अस्थायी अपंगता शामिल हो जाएं।
अग्रवाल ने बताया, ‘ऐसी पॉलिसियां संपूर्ण अस्थायी अपंगता की दशा में प्रति सप्ताह सम एश्योर्ड का एक प्रतिशत उपलब्ध कराती हैं, इसकी अधिकतम सीमा 5,000 रुपये है। तकनीकी भाषा में अस्थायी संपूर्ण अपंगता कहते हैं। बिस्तर पर पड़े रहने की दशा में 104 सप्ताह तक इसका लाभ लिया जा सकता है।’ उन्होंने जानकारी दी कि अब कुछ साधारण बीमा कंपनियों ने दुर्घटना बीमा के तहत हॉस्पिटल कैश और मोबिलिटी लाभ देना शुरु किया है।व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा बनाम दुर्घटना राइडरइन दोनों की तुलना करने पर आप पाएंगे कि व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा ज्यादा उपयुक्त है क्योंकि यह चारों तरह की परिस्थितियों को कवर करता है।
संपूर्ण अस्थायी अपंगता की दशा में व्यक्तिगत दुर्झाटना बीमा आपको साप्ताहिक तौर पर भुगतान करता है जबकि यह सुविधा दुर्घटना राइडर में नहीं है।