चालू वित्त वर्ष के दौरान दूसरे सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड की नीलामी में सुस्त प्रतिक्रिया मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक 6.90 प्रतिशत की कट ऑफ दर पर केवल 1,697 करोड़ रुपये मूल्य के 10 साल के ग्रीन पेपर ही बेच पाया, जबकि अधिसूचित राशि 6,000 करोड़ रुपये थी।
ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि ट्रेडर्स ने ग्रीनियम भुगतान से इनकार कर दिया। यह दर्शाता है कि निवेशक ग्रीन बॉन्ड के लिए उनके टिकाऊपन के असर के कारण प्रीमियम भुगतान करने को तैयार हैं। इस वित्त वर्ष में पहले ग्रीन बॉन्ड की नीलामी 31 मई को इसी वजहों के कारण रद्द कर दी गई थी।
बाद की छमाही में ग्रीन बॉन्ड जारी करने की परंपरा से इतर सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 12,000 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड जारी करने की योजना बनाई थी। ग्रीन बॉन्ड 6,000 करोड़ रुपये के दो खंडों में जारी किए जाने थे, जिनकी अवधि 10 साल की थी।
एक प्राथमिक डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘सरकार जिस स्तर की मांग की उम्मीद कर रही थी, उतनी नहीं है। सरकार कुछ ग्रीनियम चाहती थी और लोगों की कोई ग्रीनियम देने में रुचि नहीं है।’