लगातार बढ़ती ब्याज दरों के बीच माना जा रहा था कि छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की दर भी बढ़ा दी जाएगी। मगर 30 जून की घोषणा में सरकार ने ऐसा नहीं किया। इन योजनाओं में निवेश के इच्छुक लोगों को यह जरूर देख लेना चाहिए कि स्थिर आय देने वाली दूसरी योजनाएं इनसे बेहतर तो नहीं हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ छोटी बचत योजनाओं पर प्रतिफल अब भी बढ़िया बना रहेगा। ऑप्टिमा मनी मैनेजर के प्रबंध निदेशक पंकज मठपाल ने कहा कि कर छूट के कारण पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना आकर्षक बनी हुई हैं। इनके ब्याज पर कर भी नहीं लगता।
छोटी बचत योजनाओं पर प्रतिफल बैकों की सावधि जमाओं (एफडी) से बेहतर है। मसलन 5 साल अवधि वाले राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पर धारा 80सी के तहत छूट के साथ 6.8 फीसदी ब्याज मिलता है। बैकों की 5.5 से 6 फीसदी ब्याज वाली एफडी के मुकाबले यह अच्छा है। मगर तुलना में सभी पहलू देखने चाहिए। यूबी (पहले क्रेडअवेन्यू) के मुख्य कारोबार अधिकारी (स्थिर जमा) विभोर मित्तल कहते हैं, ‘दोनों में कर बचत और लॉक-इन पीरियड पर ध्यान देना चाहिए। पीपीएफ आदि में कर बचता है, जिससे कर कटौती के बाद मिलने वाले प्रतिफल में वे बैंक एफडी से आगे निकल जाती हैं। मगर उनमें पैसा लंबे समय के लिए फंस जाता है। आप पीपीएफ से पांचवें वर्ष के बाद ही रकम निकाल सकते हैं। जिस निवेशक को निकट भविष्य में या आपात स्थिति के लिए रकम चाहिए, वह एफडी चुने।
अच्छी कंपनियों द्वारा जारी एएए रेंटिग वाली एफडी पर आकर्षक ब्याज मिलता है। हाल ही में बजाज फाइनैंस ने 1 साल की एफडी पर ब्याज दर बढ़ाकर 6.2 फीसदी और तीन साल पर 7.4 फीसदी कर दी है। श्रीराम ट्रासपोर्ट फाइनैंस भी 1 साल के लिए 6.5 और 3 साल के लिए 7.75 फीसदी ब्याज दे रही है। एए+ रेटिंग वाली एफडी और भी अधिक आकर्षक हैं। मगर इनकी तुलना छोटी बचत योजनाओं से नहीं की जा सकती क्योंकि छोटी बचत पर सरकार की गारंटी होती है।
जोखिम से बचने वाले निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट से सीधे सरकारी प्रतिभूतियां, राज्य विकास ऋण और ट्रेजरी बिल खरीद सकते हैं। इनमें उतार-चढ़ाव नहीं आता। फिलहाल 364 दिन के ट्रेजरी बिल पर 6.28 फीसदी ब्याज मिल रहा है। 91 और 182 दिन के भी ट्रेजरी बिल उपलब्ध है। 1 और 2 साल के सरकारी बॉन्ड पर 6.5 फीसदी और 5 साल के लिए 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है। मगर इसके ब्याज पर कर लगने के कारण ऊंचे कर स्लैब वाले निवेशक इससे दूर रहते हैं। निवेशक अच्छे बॉन्ड में रकम लगाने वाले डेट फंड भी देख सकते हैं। कॉरपोरेट डेट फंड कंपनियों द्वारा जारी एए+ और एएए रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करता है। 31 मई तक कॉरपोरेट डेट फंड 6.54 फीसदी तक औसत प्रतिफल दे रहे थे। निवेशक 4 से 5 साल में परिपक्व होने वाले टारगेट मैच्योरिटी फंड में भी निवेश कर सकते हैं।
मठपाल कहते हैं कि कम समय के लिए मनी मार्केट फंड या कम अवधि वाले फंड में निवेश कर सकते हैं। तीन साल के बाद डेट फंड बेचने पर मिलने वाला प्रतिफल दीर्घावधि पूंजीगत लाभ माना जाता है और इंडेक्सेशन के बाद उस पर 20 फीसदी कर लिया जाता है, जिससे ऊंचे कर स्लैब वालों के लिए यह अच्छा है।
