देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शुक्रवार को कहा कि अदाणी समूह के लिए बैंक का ऋण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ‘लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क’ (एलईएफ) मानकों के अधीन है और उसके सभी कर्ज नकदी पैदा करने वाली परिसंपत्तियों द्वारा सुरक्षित हैं।
अदाणी समूह को पिछले दो कारोबारी सत्रों में हुए 4.18 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण नुकसान के बाद एसबीआई से यह बयान आया है। अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में समूह पर शेयर हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड स्कीम में शामिल होने का आरोप लगाया गया
था।
हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि समूह के शेयरों में 85 प्रतिशत गिरावट शुद्ध तौर पर ऊंचे मूल्यांकन से जुड़ी हुई है। अदाणी समूह पर भारतीय बैंकों का करीब 80,000 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है, जो समूह के कुल कर्ज का 38 प्रतिशत है।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक स्वामीनाथन जे ने एक बयान में कहा, ‘अपनी नीति की वजह से हम व्यक्तिगत ग्राहकों पर टिप्पणी नहीं करते, लेकिन यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि अदाणी समूह के लिए एसबीआई का ऋण आरबीआई के एलईएफ से नीचे है। एसबीआई से समूह के लिए सभी कर्ज नकदी संपन्न परिसंपत्तियों द्वारा सुरक्षित हैं, इसलिए ऋण को लेकर समस्या नहीं होगी।’
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एसबीआई ने अदाणी समूह के लिए अपने ऋण की मात्रा नहीं बताई है। ब्रोकिंग फर्म सीएलएसए की एक रिपोर्ट के अनुसार, समूह की प्रमुख कंपनियों अदाणी एंटर., अदाणी पोर्ट्स, अदाणी पावर, अदाणी ग्रीन, और अदाणी ट्रांसमिशन पर कुल कर्ज वित्त वर्ष 2022 तक 2.1 लाख करोड़ रु. था।