भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को ज्यादा रिटर्न के वादे के साथ विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) कारोबार सुविधाएं प्रदान करने वाली अनधिकृत संस्थाओं पर निशाना साधा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि अधिकृत डीलरों को ऐसे मामलों का पता चलने पर तुरंत ऐसे लेनदेन की सूचना प्रवर्तन निदेशालय को देनी चाहिए।
जांच के दौरान रिजर्व बैंक ने पाया कि अनधिकृत विदेशी मुद्रा कारोबार के लिए इन संस्थाओं ने स्थानीय एजेंट नियुक्त किए हैं, जो मार्जिन, इन्वेस्टमेंट, शुल्क व अन्य चीजों से जुड़े धन को एकत्र करने के मकसद से विभिन्न बैंकों की शाखाओं में खाते खोलते हैं।
ये खाते व्यक्तियों, स्वामित्व वाली संस्थाओं, व्यापारिक फर्मों आदि के नाम से खोले जाते हैं। कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें इन खातों से किया गया लेनदेन उस प्रतिष्ठान के बताए गए मकसद के लिए नहीं होते।
रिजर्व बैंक ने कहा कि इसके अतिरिक्त, ये संस्थाएं निवासियों को ऑनलाइन ट्रांसफर और भुगतान गेटवे जैसे घरेलू भुगतान प्रणालियों के माध्यम से अनधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन में शामिल होने के लिए भारतीय रुपये में धनराशि भेजने या जमा करने का विकल्प दे रही हैं।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि अनधिकृत विदेशी मुद्रा कारोबार की सुविधा के लिए बैंकिंग माध्यमों के दुरुपयोग से बचने के लिए ज्यादा निगरानी की जरूरत है।