मैं एक 27 वर्षीय युवक हूं और नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ) में काम कर रहा हूं।
मैं अपने परिवार में अकेला कमाने वाला हूं।मेरी योजना रिटायरमेंट के लिए ऐसी राशि एकत्र करने की है जिससे मुझे 25,000 रुपये प्रतिमाह मिल सके।
मैंने अपने वर्तमान निवेश का ब्योरा भेजा है। मैंने जानबूझकर अपना पोर्टफोलियो संतुलित या फिर डायवर्सिफाइड नहीं किया है।
अब मुझे अपने पोर्टफोलियो का मंथन करने के बाद कुछ मार्गदर्शन की आवश्यकता है जिससे कि मुझे अपने भविष्य का निवेश सही तरीके से चुनने में मदद मिले।
मेरे इस लक्ष्य के मद्देनजर कृपया मुझे कुछ फंडों की जानकारी दें। साथ ही मुझे मेरी निवेश रणनीति के बारे में भी कुछ सुझाव दीजिए।
– संदीप दास
आप अपनी आय का तीस फीसदी कई प्रकार की छोटी और लंबी अवधि की परिसंपत्तियों में निवेश कर रहे हैं जबकि 10 फीसदी राशि किसी इमरजेंसी के लिए रख रहे हैं। इससे पता चलता है कि आप अपने निवेश को लेकर बेहद संजीदा हैं।
आइए इस पर लंबी अवधि को ध्यान में रखते हुए नजर दौड़ाएं। इसके लिए आपको दो सिध्दांतों का पालन करना होगा। आपको अपने निवेश को डायवर्सिफाइड रखने के साथ ही उपयुक्त परिसंपत्ति आवंटन करना होगा। यह आपको अपनी जोखिम लेने की क्षमता और भविष्य का लक्ष्य ध्यान में रखकर करना होगा।
आपके मौजूदा पोर्टफोलियो में अभी आवंटन इक्विटी और डेट आदि दो परिसंपत्ति श्रेणियों में फैला हुआ है। आपका इक्विटी एक्सपोजर म्युचुअल फंड और यूलिप के माध्यम से है जबकि डेट में आवंटन फिक्स्ड रिटर्न निवेश के जरिए है।
दोनों पर नजर डालें
डेट : हालांकि अभी आप युवा हैं लेकिन फिर भी इस परिसंपत्ति वर्ग में निवेश जरूरी है। डेट में आपका निवेश किसान विकास पत्र (केवीपी), राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी), डाकघर मासिक आय योजना और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के जरिए है। इन सभी को सरकार का समर्थन है। इसलिए ये बेहद सुरक्षित हैं।
इनके माध्यम से अर्जित फिक्स्ड रिटर्न और सुरक्षा के जरिए आपके पोर्टफोलियो में स्थायित्व आएगा। इसके साथ ही आपके पीपीएफ और एनएससी में किए गए निवेश को आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत छूट मिली हुई है।
यूलिप : हम बीमा के खिलाफ नहीं हैं और फिर आप अपने घर के इकलौते कमाऊ सदस्य हैं। इसलिए आपके लिए यह बीमा बेहद जरूरी हो जाता है। लेकिन हम आपको सलाह देते हैं कि आप बीमे को अपने निवेश में शामिल न करें।
यूलिप बेहद सुविधाजनक हैं क्योंकि इनके जरिए आपकी बीमा जरूरतों के साथ निवेश का भी विकल्प उपलब्ध कराता है लेकिन आप पहले ही दूसरे अन्य विकल्प में निवेश कर चुके हैं इसलिए आपका निवेश पूरा हो गया है। अब लाइफ कवर के लिए आपको एक मियादी बीमा योजना की जरूरत है।
यह बेहद बेसिक और साधारण हैं। वर्तमान में आपके पोर्टफोलियो में चार यूलिप हैं जो आपका बहुत पैसा खा रही हैं। हमने यूलिप और म्युचुअल फंड के बीच देय शुल्क के आधार पर तुलना की है।
अगर हम दोनों योजनाओं में 20,000 रुपये सालाना आाधार पर 20 साल तक निवेश करते हैं तो कुल 6,456 रुपये बतौर शुल्क देय होते हैं। शुल्क योग्य खर्च घटाने के बाद हमने यह पाया आपका निवेश यूलिप में 13,644 रुपये और म्युचुअल फंड में 19,600 रुपये हो जाता है।
अगर यह सालाना निवेश अगले 20 साल तक जारी रखें तो आपकी राशि यूलिप में 11.41 लाख रुपये और म्युचुअल फंड में 13.80 लाख रुपये होती है। यह 20 फीसदी का सीधा अंतर खर्च संबंधी शुल्क के कारण ही आया है।
म्युचुअल फंड: टैक्स सेविंग फंड का आपके कुल निवेश में 57 फीसदी होने के बाद भी आपका वर्तमान पोर्टफोलियो अच्छी गुणवत्ता वाला है। वास्तव में इन फंडों को अपनी कोर होल्डिंग में शामिल करने में कोई बुराई नहीं है।
इसके पीछे यह कारण है कि ये सभी डायवर्सिफाइड इक्विटी स्कीम के फीचर हैं जिनमें टैक्स छूट की अतिरिक्त सुविधा दी गई है। यहां तरलता आपके लिए एक बंधन है क्योंकि आप अपने इस निवेश को तीन साल का लॉक इन पीरियड होने के कारण बीच में नहीं निकाल सकते।
म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो में आपके पास आठ योजनाएं हैं। आप डीएसपीबीआर टॉप 100 इक्विटी और और मैग्नम टैक्स गेन को अपनी कोर होल्डिंग बना सकते हैं। ये दोनों फंड सशक्त टे्रक रिकार्ड के साथ बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।
आप थोड़ा एक्सपोजर कोटक अपार्च्युनिटी फंड में भी रख सकते हैं। डेट एलोकेशन के लिए कोटक फ्लैक्सी डेट जेसे फंडों पर विचार करें सिर्फ फिक्स्ड रिटर्न वाली योजनाओं पर ही केंद्रित न रहें।
कैसे इसे हासिल करें
हमारा सारा विश्लेषण इस बात पर केंद्रित है कि रिटायर होने पर आपको 25,000 रुपये प्रतिमाह मिल सकें।
कुछ बातें तय करें
-आप 57 साल की उम्र में रिटायर हों।
-आपकी उम्र अभी 27 साल है, इसलिए आपको निवेश के लिए 30 साल मिलेंगे।
-अगर रिटायरमेंट के बाद 43 साल जीते हैं तो
-इस लिहाज से 43 साल तक 25,000 रुपये प्रतिमाह अर्जित करने के लिए आपको रिटायरमेंट के समय कुल 1.30 करोड़ रुपये इकट्ठे करने होंगे।
25,000 रुपये प्रतिमाह अर्जित करने के लिए आपको अगले तीस साल तक 9,000 रुपये हर महीने निवेश करने होंगे। इससे आपके पास दो करोड़ रुपये की राशि संग्रहित हो जाएगी।
अगर हम 10 फीसदी के कंपाउंड सालाना रिटर्न की बात करें तो यह बेहद कम होगी अगर एसेट इक्विटी में हो। और हां, हर साल इक्विटी और डेट एलोकेशन को पुनर्संतुलित करें।
ताकि एसेट एलोकेशन का अनुपात सही रहे। अन्यथा आपका डेट में बेहद अधिक पैसा लगा तो आप अपने लक्ष्य के अनुसार धन नहीं जोड़ पाएंगे।