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RBI फिनटेक कंपनियों पर कस रहा नकेल: ग्राहकों को सुरक्षित रखने के लिए नए बदलाव

RBI action on Fintech Companies: RBI को यह डर है कि फिनटेक कंपनियां ग्राहकों की ठीक से जांच-पड़ताल नहीं करती हैं और उनके डेटा को सुरक्षित नहीं रखती हैं।

Last Updated- February 21, 2024 | 4:44 PM IST
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RBI फिनटेक कंपनियों पर नजर रखने के लिए कड़े नियम लागू करने जा रहा है। पिछले साल RBI ने फिनटेक कंपनियों की जांच की थी। जांच में पता चला कि कंपनियां नियमों का पालन नहीं कर रही हैं, खासकर ग्राहकों की जांच-पड़ताल में। यह बदलाव ग्राहकों को सुरक्षित रखने, फिनटेक कंपनियों को अधिक जिम्मेदार बनाने और वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करेगा।

हाल ही में, RBI ने पेटीएम को अपनी बैंकिंग इकाई बंद करने का निर्देश दिया क्योंकि पेटीएम नियमों का लगातार उल्लंघन कर रहा था। इसके अलावा, वीज़ा ने तीसरे पक्ष की फिनटेक फर्मों के माध्यम से बिजनेस-टू-बिजनेस कार्ड से भुगतान बंद करने का आदेश दिया है। जो बताता है कि इन सभी तरह के कामों को लेकर RBI काफी सख्त रुख अपना रहा है।

फिनटेक कंपनियों पर दुनिया भर में बढ़ी सख्ती

दुनिया भर में, वित्तीय नियामक फिनटेक कंपनियों पर नकेल कस रहे हैं। यह इसलिए है क्योंकि फिनटेक कंपनियां तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं और भुगतान, छोटे ऋण और जमा सहित विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रही हैं। नियामक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि फिनटेक कंपनियां नियमों का पालन करें और ग्राहकों को सुरक्षित रखें। इसलिए, वे फिनटेक कंपनियों के लिए नए नियम पेश कर रहे हैं और उनकी नियमित रूप से जांच कर रहे हैं।

भारत में, RBI फिनटेक कंपनियों के काम करने के तरीके को लेकर चिंतित है। RBI को यह डर है कि फिनटेक कंपनियां ग्राहकों की ठीक से जांच-पड़ताल नहीं करती हैं और उनके डेटा को सुरक्षित नहीं रखती हैं। फिनटेक कंपनियां ग्राहकों को डिजिटल रूप से पहचानने के लिए अक्सर आधार वैरिफिकेशन और मोबाइल नंबर जैसे तेज़ और सस्ते तरीकों का उपयोग करती हैं। लेकिन आरबीआई का मानना है कि इन तरीकों से आसानी से धोखा दिया जा सकता है, जिससे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग हो सकती है।

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RBI ने डिजिटल वैरिफिकेशन पर रोक नहीं लगाई है। लेकिन, RBI चाहता है कि फिनटेक कंपनियां ग्राहकों को ठीक से जानने के लिए अन्य तरीकों का भी इस्तेमाल करें। उदाहरण के लिए, फिनटेक कंपनियों को ग्राहकों से मिलकर या वीडियो कॉल के जरिए वैरिफिकेशन करना चाहिए। क्योंकि RBI को डर है कि डिजिटल वैरिफिकेशन विधियों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है। वित्तीय नियामक का कहना है कि वीडियो कॉल सा व्यक्तिगत मुलाकात के बगैर ऐसे अकाउंट को ‘हाई रिस्क’ माना जाना चाहिए।

फिनटेक फर्मों की पहले से ज्यादा हो रही जांच

RBI फिनटेक कंपनियों पर नज़र रखने के लिए नए तरीके अपना रहा है। आरबीआई के अधिकारी फिनटेक फर्मों में अधिक नियमित ऑनसाइट जांच कर रहे हैं। वे यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि फिनटेक कंपनियों के ग्राहक असली हैं या नहीं। वे ऐसा हर तीन महीने में करते थे, लेकिन अब वे इसे हर महीने कर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि वे निरीक्षण में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

आरबीआई नियम तोड़ने वालों को पकड़ने के लिए अपनी तकनीक में सुधार कर रहा है और फिनटेक कंपनियों के पास पड़े बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत डेटा की जांच करने के लिए विश्लेषकों को नियुक्त कर रहा है। इससे पता चलता है कि वे यह सुनिश्चित करने को लेकर गंभीर हैं कि फिनटेक कंपनियां नियमों का पालन करें और फिनटेक सेक्टर में जोखिम कम करें।

भारत का वित्त मंत्रालय स्थानीय फिनटेक स्टार्टअप्स से बात करना चाहता है, जिन्हें अक्सर वैश्विक निवेशकों का समर्थन प्राप्त होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे नियमों का पालन करें और उनकी किसी भी चिंता का समाधान किया जा सके।

सख्त नियमों का पालन करने से फिनटेक कंपनियों पर खर्च बढ़ जाएगा। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कंपनियों को नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिसका मतलब यह हो सकता है कि लंबे समय में कंपनियों की संख्या कम हो जाएगी और जो कंपनियां नियमों का पालन करेंगी वे अच्छा प्रदर्शन करेंगी। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - February 21, 2024 | 4:44 PM IST

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