वित्त-बीमा

RBI की कार्रवाई से FY25 में NBFC की ऋण वृद्धि होगी सुस्त, घटकर 18% तक आ जाएगी

‘हमें लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया कार्रवाई से ऋणदाताओं के अति उत्साह में कमी आएगी, नियमों का पालन होगा और ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी।’

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- September 24, 2024 | 10:47 PM IST

एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुताबिक इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में रेटिंग वाली वित्तीय कंपनियों की ऋण वृद्धि दर सुस्त होकर 18 फीसदी पर आ जाएगी, जबकि वित्त वर्ष 24 में यह 20 फीसदी थी। इन कंपनियों पर भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई का प्रभाव नजर आता है।

एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट एनालिस्ट गीता चुघ ने एक बयान में कहा, ‘हमें लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया कार्रवाई से ऋणदाताओं के अति उत्साह में कमी आएगी, नियमों का पालन होगा और ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी।’

एसऐंडपी की रिपोर्ट ‘इंडियन फिनकॉज बैलेंसिंग एक्ट’ के मुताबिक असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और वित्तीय कंपनियों को ऋण पर जोखिम भारांश बढ़ाने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले का उद्देश्य विशेष तौर पर वृद्धि दर को काबू में रखना और बैंकों व वित्तीय कंपनियों के बीच परस्पर तालमेल को कम करना है।

First Published : September 24, 2024 | 10:47 PM IST