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गिर रही हैं, अभी और गिरेंगी प्रॉपर्टी की कीमतें

Last Updated- December 08, 2022 | 10:08 AM IST

पिछले 6 महीनों में मकान के खरीदारों के लिए स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। ज्यादातर शहरों में संपत्ति की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है।


ये कीमतें उस स्तर तक वापस पहुंच गई हैं जो दिसंबर 2006 में दर्ज की गई थीं। भले ही अधिकतर डेवलपर और ब्रोकर इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप आंकडो पर नजर दौड़ा कर रियल एस्टेट में आई इस गिरावट का जायजा ले सकते हैं।

संपत्ति की कीमतों में गिरावट के अलावा ब्याज दरों में भी गिरावट आई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसयू) की ओर से 20 लाख रुपये तक के आवास ऋण के लिए दरों में की गई रियायत की ताजा घोषणा से इस क्षेत्र को काफी हद तक राहत मिल सकती है।

होम लोन के लिए 8 फीसदी की नई दरें 5 लाख रुपये से कम के ऋण के लिए और 9.25 फीसदी की दर 20 लाख रुपये से कम के ऋण के लिए तय की गई हैं जिससे उन खरीदारों को निश्चित रूप से मदद मिलेगी जो दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में मकान खरीदने की संभावना तलाश रहे हैं।

हम देखते हैं कि मकान के खरीदारों के लिए पिछले दो वर्षों में जमीनी हकीकत में किस तरह से बदलाव आया है। पिछले कुछ महीनों में दरों में गिरावट तेज हुई है।

नाइट फ्रैंक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक गुड़गांव में ए-ग्रेड की आवासीय कीमत मौजूदा समय में औसतन 5500 रुपये प्रति वर्ग फुट है।

यह दो वर्ष पहले की औसतन कीमत की तुलना में 250 रुपये कम है। महज एक साल पहले संपत्ति की कीमतों में तेजी कायम थी और यह उस वक्त 5638 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। कुछ इलाकों, जहां कीमतों में भारी इजाफा हुआ, में अब संपत्ति की कीमत 2650 रुपये प्रति वर्ग फुट है।

यह 2006 की कीमत की तुलना में लगभग 1100 रुपये कम है। बेंगलुरु और पुणे जैसे शहरों में भी इस साल संपत्ति की कीमतों में गिरावट आई है। हालांकि इन शहरों में भाव दो साल पहले की कीमतों की तुलना में लगभग 10 फीसदी अधिक ही बने हुए हैं।

लेकिन महानगरों के कुछ इलाकों में ही कीमतें पिछले साल की तुलना में अधिक बनी हुई हैं। हैदराबाद और मुंबई के इलाके ऐसे दो उदाहरण हैं।

हालांकि नाइट फ्रैंक (इंडिया) के चेयरमैन प्रणय वकील अपनी राय पर कायम हैं। वे कहते हैं, ‘यद्यपि कीमतें अभी भी ऊंची बनी हुई हैं, डेवलपर बातचीत को लेकर काफी इच्छुक हैं।’

कीमत में रियायत की मात्रा डेवलपर और अपार्टमेंट पर निर्भर है। दिल्ली के एक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के मुताबिक 10 फीसदी डिस्काउंट के लिए आपको ज्यादा माथापच्ची करने की जरूरत नहीं है, लेकिन इससे ज्यादा डिस्काउंट बातचीत पर निर्भर करता है।

हाल में एक उद्यमी ने घोषणा की थी, ‘यदि आप 1 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीद रहे हैं और अगर आप इसे कैश में खरीदते हैं तो इसकी कीमत घटा कर 50-60 लाख रुपये की जा सकती है।’

हालांकि पॉश इलाकों में आपूर्ति के अभाव की वजह से दरों में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आ सकती, लेकिन ऐसी खबरे हैं कि मांग में कमी आने के कारण इन इलाकों में नई संपत्तियों की कीमतों में गिरावट आई है।

उदाहरण के लिए, लोअर पारेल, प्रभादेवी और नेपियन सी रोड में मांग में गिरावट की वजह से संपत्ति की कीमतों में खासी गिरावट आई है।

लेकिन ठाणे जैसे इलाकों में आई गिरावट काफी अलग है जहां हाल में लोढ़ा बिल्डर्स द्वारा घोड़बंदर रोड पर परियोजना शुरू की गई है। इस इलाके में संपत्ति की कीमत 2997 रुपये प्रति वर्ग फुट से शुरू होती है जो तकरीबन 20 फीसदी कम है।

ठाणे के ब्रोकरों के मुताबिक यदि आप वर्ष 2006 में 800 वर्ग फुट के आकार का 2 बेडरूम-हॉल-किचन (2बीएचके) खरीदते तो आपको इसके लिए 30.4 लाख रुपये (3800 रुपये प्रति वर्ग फुट) की रकम चुकानी पड़ती।

यदि खरीदार 25 फीसदी रकम का भुगतान करता और बाकी रकम के लिए 15 साल के लिए 11.25 फीसदी की ब्याज दर पर ऋण लेता तो उसकी मासिक किस्त 26,273 रुपये होती।

पिछले साल खरीदा जाता तो इसी फ्लैट की कीमत लगभग 32.8 लाख होती। यदि खरीदार छोटे आकार का फ्लैट खरीदता है तो इसकी कीमत लगभग 3000-3500 रुपये प्रति वर्ग फुट हो सकती है।

अगर इसका हिसाब लगाया जाए तो 25 फीसदी का भुगतान करने और 75 फीसदी रकम 15 वर्षों के लिए एसबीआई से 9.25 फीसदी की ब्याज दर पर लेने पर मासिक किस्त मौजूदा समय में 18,506 रुपये होगी। हालांकि इस फ्लैट की कीमत लगभग 24-28 लाख रुपये होगी।

यह स्पष्ट है कि संपत्ति की कीमतों में गिरावट से घर खरीदारों को दोहरा फायदा हुआ है। मासिक किस्त यानी ईएमआई भी लगभग 8,000 रुपये कम है और संपत्ति 2-6 लाख रुपये कम पर भी खरीदी जा सकती है।

इसी तरह 2006 में ग्रेटर नोएडा में संपत्ति की कीमत औसतन 3,733 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। छोटे आकार के फ्लैट के लिए इस इलाके में होम लोन की उसी अवधि के लिए ईएमआई 25,810 रुपये होती। मौजूदा समय में ग्रेटर नोएडा में कीमतें घट कर 2650 रुपये प्रति वर्ग फुट पर आ गई हैं और इस हिसाब से ईएमआई 16,364 रुपये होगी।

बेंगलुरु की कहानी भी इन शहरों से ज्यादा अलग नहीं है। रियल एस्टेट डेवलपर हैबिटेट वेंचर्स के कार्यकारी निदेशक शिवराम मालाकला कहते हैं, ‘पॉश इलाकों में भी इस साल कीमतों में गिरावट आई है।’

कोरामंगला जैसे इलाकों, जो कार्यालयों और शॉपिंग मॉल की व्यस्तता के लिए जाने जाते हैं, में भी आवासीय कीमतें 10 फीसदी तक नीचे आई हैं। हालांकि यह गिरावट सिर्फ इसी वर्ष देखने को मिली है।

संपत्ति की कीमतों और ब्याज दरों में गिरावट को देखते हुए विश्लेषक यह मान रहे हैं कि घर खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए स्थिति में कुछ और सुधार हो सकता है।

इसका प्रमुख कारण यह भी है कि बिल्डर किफायती मकानों की तरफ तेजी से मुड़ते जा रहे हैं जिससे अगले कुछ महीनों में मकानों कीमतों में और  गिरावट आने की उम्मीद है।?

First Published - December 21, 2008 | 9:56 PM IST

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