facebookmetapixel
Airtel से लेकर HDFC Bank तक मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 10 तगड़े स्टॉक्स, 24% तक मिल सकता है रिटर्नबाबा रामदेव की FMCG कंपनी दे रही है 2 फ्री शेयर! रिकॉर्ड डेट और पूरी डिटेल यहां देखेंभारत-अमेरिका फिर से व्यापार वार्ता शुरू करने को तैयार, मोदी और ट्रंप की बातचीत जल्दGold-Silver Price Today: रिकॉर्ड हाई के बाद सोने के दाम में गिरावट, चांदी चमकी; जानें आज के ताजा भावApple ‘Awe dropping’ Event: iPhone 17, iPhone Air और Pro Max के साथ नए Watch और AirPods हुए लॉन्चBSE 500 IT कंपनी दे रही है अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड- जान लें रिकॉर्ड डेटVice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेनेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का युवा आंदोलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफापंजाब-हिमाचल बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने किया 3,100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलाननेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत ने नागरिकों को यात्रा से रोका, काठमांडू की दर्जनों उड़ानें रद्द

रिहायशी परियोजनाएं : ठहरी कीमतें तो बढ़े किराए

Last Updated- December 05, 2022 | 9:25 PM IST

पिछले साल बाजार में मौजूद तेजी के बाद, अब कोलकाता के रियल एस्टेट बाजार में मंदी के संकेत मिल रहे हैं, खासतौर से रिहायशी क्षेत्र में।


राजरहाट (कोलकाता के उत्तर-पूर्वी सीमांत क्षेत्र में जो रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्र का केन्द्र माना जाता है) और सेक्टर 5 (सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्र) जैसे क्षेत्रों में, नए उपनगरों के चलते, कीमतें लगभग एक साल के लिए ढाई हजार से तीन हजार रुपये के बीच स्थिर हो गई हैं, जबकि पिछले 6 महीनों में निर्माण की लागत में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

पिछले दो से तीन वर्षों में, इस इलाके में रिहायशी संपत्ति की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं और डेवेलपरों को उम्मीद है कि इस बार कीमतें लगभग 15-20 प्रतिशत और बढ़ेंगी।इस दौरान, राजरहाट शहर के केन्द्रीय व्यावसायिक क्षेत्र (सेन्ट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट, सीबीडी)में संपत्ति की कीमतों (किराए और एकमुश्त बिक्री दोनों) में तेज वृध्दि का सामना कर रहा है।

सीबीडी क्षेत्र में पिछले तीन से चार महीनों के भीतर व्यावसायिक किरायों में करीबन 100 रुपये प्रति वर्गफुट के साथ लगभग 50 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जबकि राजरहाट क्षेत्र में यह किराया 50-60 रुपये प्रति वर्गफुट पर स्थिर है। टीसीजी रियल एस्सटेट के बिजनेस डेवलपमेंट प्रमुख, हिमोन सान्याल के अनुसार सीबीडी क्षेत्र में किरायों में अपूर्व वृध्दि का कारण राजरहाट में निर्माण गतिविधियों में कमी के साथ यहां अभी भी बुनियादी ढांचों में विकास का हो सकना शामिल है।

उनका कहना है, ‘प्रवासी भारतीय कोलकाता में निवेश करने के लिए, खासतौर पर रिहायशी परियोजनाओं में, उत्साहित नहीं है, जैसा कि वे एक साल पहले तक थे। इसके पीछे डॉलर की कीमत में अस्थिरता और रियल एस्टेट के बाजार में मांग की अनुपस्थिति के कारण कीमतों में मंदी बड़े कारण हैं।’ विशेषज्ञों का कहना है कि डेवलपर भी नई परियोजनाओं को लॉन्च करने के इच्छुक नहीं हैं और वे अगले कुछ महीनों में कीमतों में सुधार की उम्मीद के चलते, अपनी वर्तमान परियोजनाओं को दो से तीन महीनों के लिए टाल रहे हैं।

उदाहरण के लिए, टीसीजी रियल एस्टेट, जो इस वर्ष जून में सेक्टर 5 में अपनी नई परियोजना लॉन्च करने की योजना बना चुका था, अब इस परियोजना को अक्तूबर में लॉन्च करेगा।बंगाल श्रीराम के निदेशक, एस वेंकटरामन का कहना है, ‘कोलकाता रियल एस्टेट पर रियल एस्टेट बाजार में छाई मंदी का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया है। संपत्ति की कीमतों में तो हाल ही में मंदी छाई है।

कोलकाता में संपत्ति में निवेश के प्रति रोक की प्रवृत्ति भी है।’बंगाल यूनिष्टेक यूनिवर्सल के रंजन अरोड़ा का कहना है ‘जब पहले दर्जे के शहरों में कीमतों में एकाएक गिरावट 30 से 40 प्रतिशत होगी, तब कोलकाता में यह 15-20 प्रतिशत रहेगी।’ अरोड़ा का कहना है कि ऐसे में कीमतों में मंदी के चलते बड़े डेवलपरों पर ऐसा कोई खास असर नहीं पड़ेगा, जैसा कि छोटे डेवलपरों पर। रियल एस्टेट डेवलपरों का परिसंघ क्रेडाई, बंगाल के अध्यक्ष प्रदीप सुरेखा का कहना है, ‘ऊंची निर्माण लागत और फीके पड़े शेयर बाजार ने बाजार को निरुत्साहित कर दिया है।

निवेशक परियोजनाओं में पैसा लगाने से बच रहे हैं। पिछले दो-तीन महीनों में निर्माण लागत में आई तेजी के बावजूद मांग में कोई कमी नहीं आई है।’जोन्स लांग ला साल मेघराज के सहायक प्रबंधक सौरभ टिबरवाल का कहना है, ‘पिछले दो-तीन महीनों में राजरहाट में कोई नई परियोजना लॉन्च नहीं की गई है।

इससे किसी महत्वपूर्ण मंदी के संकेत नहीं मिलते, क्योंकि यह स्थिरता पिछले कुछ वर्षों में बाजार में बड़े डेवलपरों की प्रतिस्पर्धा के चलते परिपक्व होने पर कुछ समय के लिए ही बनी है।’ रिवरबैंक होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुमित डबरीवाल का मानना है कि पूरे देश में रियल एस्टेट में मंदी के चलते कोलकाता के रियल एस्टेट बाजार पर कोई खास असर देखने को नहीं मिला है, लेकिन राज्य में रियल एस्टेट बाजार के विकास में जमीन एक बड़ी समस्या बनी हुई है।

First Published - April 14, 2008 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट