RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर ‘डेलीगेटेड पेमेंट्स’ शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इस सुविधा से कई उपयोगकर्ताओं को एक बैंक खाते से यूपीआई भुगतान करने की अनुमति मिलेगी और खाताधारक यूपीआई-आधारित खाते से जुड़े सेकंडरी यूजर्स के लिए ट्रांजेक्शन लिमिट तय कर सकेगा।
आरबीआई ने कहा, ‘इस नए उत्पाद से डिजिटल भुगतान की पहुंच पूरे देश में बढ़ने की संभावना है।’ मौजूदा समय में, यूपीआई से 42.4 करोड़ उपयोगकर्ता जुड़े हुए हैं।
बैंकिंग नियामक ने कहा है कि यूपीआई पर डेलीगेटेड पेमेंट्स के बारे में विस्तृत जानकारी एवं निर्देश जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। इसके अलावा, आरबीआई ने यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा मौजूदा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन कर दी है।
प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर भुगतान की सीमा में यह इजाफा पूंजी बाजारों, आईपीओ खरीदारी, ऋण संग्रह, बीमा, चिकित्सा एवं शैक्षिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में यूपीआई सीमाएं बढ़ाने के लिए नियामक के पिछले निर्णयों के बाद किया गया है।
पिछले साल दिसंबर में, अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों के लिए भुगतान सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन की गई थी। यूपीआई से जुड़ी ये घोषणाएं ऐसे समय में की गई हैं जब ट्रांजेक्शन की मात्रा लगातार तेजी से बढ़ रही है।
जुलाई में यूपीआई पर ट्रांजेक्शन सालाना आधार पर 45 प्रतिशत बढ़कर 14.44 अरब पर पहुंच गया। नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़े से पता चला है कि ट्रांजेक्शन की वैल्यू भी सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
जुलाई में लगातार तीसरे महीने यूपीआई पर ट्रांजेक्शन की वैल्यू में इजाफा दर्ज किया गया। इससे पहले जून में यूपीआई ट्रांजेक्शन वैल्यू 20.07 लाख करोड़ रुपये और मई में 20.44 लाख करोड़ रुपये रही।