रेहन पर ऋण देने वाली पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस (PNB housing finance) ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के जरिये 10 करोड़ डॉलर से 12.5 करोड़ डॉलर तक जुटाने की योजना बनाई है। कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी व प्रबंध निदेशक गिरीश कौसगी ने यह जानकारी दी है।
कौसगी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमारे पास 12.5 करोड़ डॉलर का ईसीबी ऋण स्वीकृत है, जिसका आंशिक उपयोग किया जा चुका है और हम 10 करोड़ डॉलर से 12.5 डॉलर तक और जुटाने की योजना बना रहे हैं। हम अगले डेढ़ से दो महीने में रकम जुटाएंगे। यह अगली तिमाही तक भी खिसक सकता है मगर अक्टूबर तक हम यह जरूर करना चाहेंगे।’
कंपनी की कुल 55,734 करोड़ रुपये की उधारी में टर्म लोन या सावधि ऋण की हिस्सेदारी 39.4 फीसदी है। उसके बाद जमा (32.5 फीसदी), एनसीडी (9.3 फीसदी), एनएचबी पुनर्वित्त (9.1 फीसदी), सीपी (7.1 फीसदी) और ईसीबी (2.6 फीसदी) है।
वित्त वर्ष 2025 में कौसगी को उम्मीद है कि ईसीबी, एनएचबी, एनसीडी और सीबी के जरिये कर्ज लेने की हिस्सेदारी थोड़ी बढ़ेगी, लेकिन बैंक उधारी में कमी आएगी।
एनबीएफसी और एचएफसी को उधार देने की दरें बढ़ने से बैंक ऋण से ईसीबी की तरफ रुख होगा।
एचएफसी ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2027 तक 1 लाख करोड़ रुपये की खुदरा ऋण बही का लक्ष्य लेकर चल रही है। उनमें से किफायती श्रेणी का लक्ष्य 15 हजार करोड़ रुपये, उभरती श्रेणी का 25 हजार करोड़ रुपये और प्राइम श्रेणी का 60 हजार करोड़ रुपये हो सकता है।
वित्त वर्ष 2027 तक कॉरपोरेट खंड का ऋण बही करीब 8 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा। फिलहाल, कंपनी की खुदरा ऋण बही 65 हजार करोड़ रुपये है औ्र वित्त वर्ष 2025 में इसमें 17 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य है।
कॉरपोरेट क्षेत्र से बाहर होने वाली इस ऋणदाता कंपनी के पास फिलहाल इसमें 1,800 करोड़ रुपये की ऋण बही है और वह इस खंड में अपनी उपस्थिति दोबारा शुरू करने की योजना भी बना रही है।
इसके अलावा, कौसगी अपने किफायती ऋण बही का विस्तार करने की भी योजना बना रहे हैं। यह फिलहाल करीब 2,300 करोड़ रुपये का है और इसे वित्त वर्ष 2025 के अंत तक इसे 5,000 करोड़ रुपये तक करने की है।
कौसगी ने कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान सुपर प्राइम और प्राइम श्रेणी पर है। हम दो साल पहले रणनीति में बदलाव करते हुए सुपर प्राइम खंड से बाहर निकल गए थे और किफायती एवं उभरते बाजारों में शुरुआत की। आज किफायती श्रेणी की बही 2,500 करोड़ रुपये की हो गई है। आगे चलकर हम धीरे-धीरे प्राइम श्रेणी को कम करेंगे और किफायती एवं उभरते श्रेणी पर ध्यान देंगे। हम अगले कुछ महीनों में कॉरपोरेट ऋण बही को फिर शुरू करेंगे मगर यह कारोबार का एक छोटा हिस्सा ही रहेगा।’
इस ऋणदाता की फिलहाल 303 शाखाएं हैं, जिनमें से 160 किफायती श्रेणी के लिए है, 50 उभरते श्रेणी के लिए और 93 शाखाओं का ध्यान प्राइम श्रेणी पर ही है। कंपनी हर साल 50 शाखाएं जोड़ने की योजना बना रही है।
हाल ही में कंपनी ने कहा था कि उसका बोर्ड अगले छह महीनों में निजी प्लेसमेंट के आधार पर 2,500 करोड़ रुपये तक के एनसीडी जारी करने पर विचार करने और इसे मंजूर करने के लिए 9 सितंबर को बैठक करेगा। इस साल जून के अंत में इस हाउसिंग फाइनैंस कंपनी में पंजाब नैशनल बैंक की 28.13 फीसदी हिस्सेदारी थी।