बिस्कुट खाने के कई शौकीन होंगे लेकिन बिस्कुट का लुत्फ एक और तरीके से भी उठाया जा सकता है।
जी हां, लुत्फ उठाने का एक और कारगर उपाय और ये है निवेश करने का और ब्रिटानियां इस लिहाज से सबसे सटीक विकल्प हो सकता है।
ब्रिटानिया बिस्कुट केशेयरों में निवेश करना भी बहुत फायदेमंद हो सकता है। गौरतलब है कि 9,000 करोड़ रुपये के बिस्कुट के कारोबार में संगठित ब्रांडेड कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी के करीब है।
इस क्षेत्र के संगठित खिलाडियों में ब्रिटानिया एक बडा नाम है जिसने अपने विश्वसनीय और बेहतर ब्रांडों के साथ 35 फीसदी हिस्सेदारी पर अपना कब्जा जमाया।
ब्रेड से मिलनेवाले अतिरिक्त राजस्व, रस्क और केक और पश्चिम एशियाई बाजारों में बढ़ते कारोबार के कारण आगे आनेवाले समय में कारोबार में विस्तार हो सकता है।
ब्रिटानिया के कुल राजस्व में बिस्कुट के कारोबार का योगदान करीब 90 फीसदी होता है। हालांकि कंपनी के पोर्टफोलियो में विविधता है लेकिन इस विविधता के बावजूद इसकी छोटे, मझोले और प्रीमियम, तीनों सेगमेंट में पैठ के कारण इसे अपने प्रतिस्पर्धी के मुकाबले बेहतर पहचान मिली है।
ब्रिटानिया के कुछ प्रमुख ब्रांडों में गुड डे, टाइगर, ट्रीट, मारी, मिल्कबिकिस, 50:50 को पावर ब्रांड के तौर पर जाना जाता है जिनकी राजस्व में कुल हिस्सेदारी 90 फीसदी के करीब है।
बिस्कुट की कीमत 50 रुपये प्रति किलो निर्धारित होने और इसके नीचे उत्पाद शुल्क में छुट के प्रावधानों के बाद ब्रिटानिया के बिस्कुट के कारोबार में काफी तेजी आई है।
इसके बाद सस्ते ब्रांड वाले बिस्कुट कंपनियों की बड़ी कंपनियों पर कीमतों के लिहाज से बढ़त अब समाप्त हो गई है। बिस्कुट के कारोबार के अलावा कंपनी की दिलचस्पी डेयरी के कारोबार में भी है और इसके लिए कंपनी फॉन्टेरा के साथ संयुक्त उद्यम केतहत कारोबार कर रही है। फॉन्टेरा डेयरी कारोबार में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है।
कंपनी का यह कारोबार भी 20 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ रहा है और वित्त वर्ष 2008 में घाटा कम होकर 5 फीसदी तक रह गया है। इसके प्रवर्तकों-वाडिया और दानोन समूह के बीच विवादों का कोई हल निकलने या फिर अधिग्रहण से संबंधित मामले के निपटारे के बाद शेयरों में काफी मजबूती आ सकती है।