facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Airtel, Titan, Hero Moto समेत इन स्टॉक्स पर रहेगा निवेशकों का फोकसभारत ने जीता पहला महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप, खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू में 35% तक उछालप्राइवेट इक्विटी और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर KKR की नजर, भारत में लंबी पारी खेलने को तैयारकच्चे तेल का आयात अमेरिका से बढ़ा, रूस से सप्लाई दमदारप्रधानमंत्री मोदी ने ₹1 लाख करोड़ के ‘RDI फंड’ की शुरुआत की, प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावावोडाफोन आइडिया को राहत! 2017 तक के एजीआर बकाये का होगा नए सिरे से आकलनEditorial: मौद्रिक नीति में पारदर्शिता जरूरी, RBI को सार्वजनिक करनी चाहिए रिपोर्टशहरी संकट: स्थानीय निकायों को वास्तविक स्वायत्तता और जवाबदेही देना समय की मांगसरकार ने सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का घाटा किया कम, फिर भी 900 रुपये प्रति कट्टे का नुकसान होने की आशंकासर्विस सेक्टर में सबसे आगे चंडीगढ़ और दिल्ली, सेवा केंद्रित हैं अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्य

निजी बैंकों का शुद्ध लाभ 31.7 फीसदी बढ़ा

Last Updated- January 29, 2023 | 11:15 PM IST
BFSI Summit: Bankers want privatization of public sector banks

कर्ज की ब्याज दर पुन: निर्धारित होने और उधारी बढ़ने से निजी बैंकों का शुद्ध लाभ बढ़ा। दिसंबर 2022 (वित्तीय वर्ष 23 की पहली तिमाही) को खत्म हुई तीसरी तिमाही में निजी बैंकों का सालाना आधार पर शुद्ध लाभ 31.7 फीसदी बढ़कर 35,166 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि क्रमिक आधार पर शुद्ध लाभ 12.6 फीसदी बढ़ा जो सितंबर, 2022 को समाप्त हुई तिमाही में 31,218 करोड़ रुपये रहा था

बीएस रिसर्च ग्रुप ने 15 सूचीबद्ध बैंकों के आंकड़ों को संकलित किया है। इसके अनुसार शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 26.6 फीसदी बढ़ी और यह सितंबर, 2022 को समाप्त हुई दूसरी तिमाही की तुलना में 8.9 फीसदी बढ़ी। जमा दर में बढ़ोतरी की तुलना में उधारी दर अधिक बढ़ने से बैंकों को फायदा हुआ।

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार निजी बैंकों पर बकाए उधारी की भारांकित औसत उधारी दर (डब्ल्यूएएलआर) 67 बेसिक अंक बढ़ गई। यह दर दिसंबर, 2021 में 9.77 फीसदी थी जो नवंबर, 2022 में बढ़कर 10.44 फीसदी हो गई।

बकाया सावधि जमा पर भारांकित औसत घरेलू सावधि जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) 54 बेसिक पाइंट बढ़ गई। यह दर दिसंबर, 2021 में 5.18 फीसदी थी जो नवंबर, 2022 में बढ़कर 5.72 फीसदी हो गई। हालांकि आय के मुख्य जरिये में जबरदस्त रुझान देखने को मिला।

हालांकि गैर ब्याज आय नरम (सालाना आधार पर 11.3 फीसदी) हो गई। इसका कारण यह था कि मई, 2022 से रीपी रेट की नीति में 225 आधार पाइंट की बढ़ोतरी होने से कंपनियों के निवेश पोर्टफोलियो पर प्रभाव पड़ा था। हालांकि जबदस्त त्योहारी मांग के कारण बैंकों का उधारी पोर्टफोलियो सालाना आधार पर 17.8 फीसदी बढ़ा और जमा जमा राशि में सालाना आधार पर 14.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

आईसीआरए के उपाध्यक्ष व सह-समूह प्रमुख अनिल गुप्ता ने ब्याज आमदनी और दरों के रुझान पर कहा कि अगले महीने भी रीपो रेट दर बढ़ भी सकती है। दिसंबर में रीपो दर में 35 बेसिक अंक की बढ़ोतरी होने से तीसरी तिमाही में बैंकों की बैलेंस शीट में आंशिक लाभ (एक महीने) हुआ। उम्मीद यह है कि इस बढ़ोतरी से चौथी तिमाही में भी फायदा हो सकता है।

नकदी को ज्यादा उच्च ब्याज दर पर मुहैया करवाया जा रहा है। यह आमदनी को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करती है। वित्त वर्ष 24 की शुरुआत में जमा राशि नवीनीकरण (पुन: मूल्य निर्धारण) के लिए आएंगी। लिहाजा चौथी तिमाही मार्जिन के मामले में मजबूत रहनी चाहिए। गुप्ता के अनुसार बैंकों ने जमा राशि पर ब्याज दरों को बढ़ा दिया है लेकिन इसका प्रभाव आने वाले वर्षों पर ही पड़ेगा। वित्तीय वर्ष 24 की हर तिमाही में जमा राशि पर ब्याज दर संकुचित होनी चाहिए।

फंसे हुए कर्ज सहित प्रावधानों और आकस्मिकताओं में मामूली वृद्धि हुई। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक (बैंकिंग) नितिन अग्रवाल के अनुसार बैंकों की उधारी देने की लागत नियंत्रण में थी। उम्मीद यह थी कि यह अगले एक-दो तिमाहियों तक ऐसे ही रहेगी। दिसंबर 2022 के अंत में सकल फंसा हुआ कर्ज गिरकर 1.4 लाख करोड़ रुपये पर आ गया जबकि एक साल पहले यह 1.88 लाख करोड़ रुपये था।

First Published - January 29, 2023 | 11:15 PM IST

संबंधित पोस्ट