facebookmetapixel
टूट गई बादशाहत: 14 साल बाद क्यों Infosys और HCLTech से पिछड़ी TCSमहाराष्ट्र में रबी फसलों की बोआई धीमी, अब तक सिर्फ 9.14 लाख हेक्टेयर में हुई खेती; किसान चिंतितकचरे से कमाई का नया दौर: रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री को असंगठित से संगठित उद्योग बनाने की कवायद शुरूडिफेंस पेंशनर्स के लिए SPARSH पोर्टल: अब घर बैठे देखें अपना PPO और पेंशन डिटेल्स सिर्फ एक क्लिक मेंFlexi Cap Funds फिर बना इक्विटी का किंग, अक्टूबर में निवेश बढ़कर ₹8,929 करोड़, AUM रिकॉर्ड ₹5.34 लाख करोड़Tata Motors Q2 Results: Q2 में ₹867 करोड़ का नुकसान, पर आय बढ़कर ₹18,491 करोड़ पर पहुंचाफैमिली पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव: कर्मचारियों के माता-पिता को 75% पेंशन लेने के लिए अब यह करना जरूरीछोटे लोन पर ‘उचित ब्याज दर’ रखें MFIs, 30-35 करोड़ युवा अब भी बैंकिंग सिस्टम से बाहर: सचिव नागराजूQ3 में तेजी से सुधरा वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर, मांग 64% बढ़ी; मुंबई और कोलकाता का प्रदर्शन शानदारIncome Tax: रिवाइज्ड IT रिटर्न क्या है, जिसे आप कैलेंडर ईयर के अंत तक फाइल कर सकते हैं

चुनिंदा शेयरों पर रखें नजर

Last Updated- December 08, 2022 | 7:45 AM IST

1 सितंबर 2008 से स्मार्ट पोर्टफोलियो की शुरुआत के बाद बीएसई 200 में 41 फीसदी गिरावट आई जबकि रिलायंस मनी के फंड प्रबंधक  आनंद अग्रवाल के पोर्टफोलियो में भी 20.3 फीसदी की गिरावट आई है।


वैश्विक वित्तीय संकट को देखते हुए आपने अपनी नीति में क्या कुछ बदलाव किए हैं?

वैश्विक मंदी की बुनियाद वर्ष 2007 की अंतिम तिमाही में अमेरिका में सब-प्राइम संकट के साथ रखी जा चुकी थी और इसे अब एक साल पूरा होने को है। यह बात अलग है कि मंदी का व्यापक असर इस साल सितंबर के बाद से देखने को मिला।

खास तौर पर भारत में तो इसका असर काफी देर से दिखा और अब भी पूरा असर नहीं दिखाई पड़ा है। जहां तक नीतियों की बात है,

तो हमारी नीति कमोबेश वही रहेंगी और हम उन कंपनियों पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे, जिनका कारोबार स्थायी हो और जिनके पास नकदी की कोई कमी नहीं हो क्योंकि ऐसी कंपनी ही लंबी दौड़ में कामयाब हो सकती हैं।

कीमतों में आ रही गिरावट को देखते हुए नकदी का निवेश अहम हो जाता है। इसीलिए अब हम सही समय पर नकदी का कु छ हिस्सा पोर्टफोलियो में निवेश करने पर विचार करेंगे।

आप किस तरह की कंपनियों के शेयर खरीदेंगे?

हमारी नजर उन कंपनियों पर होगी, जिनके पास पर्याप्त नकदी और कुशल प्रबंधन क्षमता होगी। हम ऐसी कंपनियों का चुनाव करेंगे, जो कारोबार संबंधी पूंजी अपने आंतरिक स्रोत से आसानी से जुटा सकती हैं।

इससे भी ज्यादा हमारी नजर उन कंपनियों पर होगी, जिन्हें सरकारी नीतियों और सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च का फायदा मिल रहा है।

इसके अलावा अब कमोडिटी की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है, इसलिए उन कंपनियों को चुनना भी फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें इस गिरावट का फायदा मिलने वाला है।

आपको किन शेयरों से फायदा मिला और किन शेयरों ने आपको नुकसान कराया?

हमने जिन शेयरों को चुना था, उनमें यदि विमानन क्षेत्र को छोड़ दिया जाए, तो कमोबेश सभी का प्रदर्शन अच्छा रहा।

हालांकि कच्चे तेल का दाम भी अब 100 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 40 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है, इसलिए हमें उम्मीद है कि विमानन कंपनियों के शेयर भी कारोबार के लिहाज से अच्छे साबित होंगे।

स्मार्ट पोर्टफोलियो में नकदी ने बडी भूमिका निभाई है। नकदी को लेकर आपकी क्या रणनीति है?

जब से स्मार्ट पोर्टफोलियो की शुरुआत हुई है, तब से बाजार में अनिश्चितता के मद्देजनर नकदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमारा मानना है कि वर्ष 2009 की पहली छमाही तक अनिश्चितता का माहौल बना रहेगा।

आनेवाले समय में हम अपने पोर्टफोलियो में कुछ नकदी रखेंगे, जिससे किसी भी तरह की अनिश्चितता से बेहतर ढंग से निपटा जा सके।

आपके मुताबिक आने वाले वक्त में किन क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा और क्यों?

जहां तक क्षेत्रों के प्रदर्शन की बात है, तो हमारा पुराना रुख आज भी बरकरार है। हमारे हिसाब से पूंजीगत वस्तुओं, यूटिलिटीज और बुनियादी ढांचे की कंपनियां अच्छा रिटर्न देंगी। विमानन क्षेत्र से भी हमें काफी उम्मीदें हैं।

इसके अलावा ऐसा कोई भी क्षेत्र, जिसे कमोडिटी की गिरती कीमतों से फायदा हो सकता है, आने वाले वक्त में अच्छा प्रदर्शन करेगा और ऋण संकट खत्म हो जाने के बाद वह खरा सोना साबित होगा।

निवेशकों को आप क्या सलाह देंगे?

मेरा मानना है कि भारतीय शेयर बाजार अपने चरम पर पहुंच चुका है और अब कारोबार भविष्य के लिए अनुमानित विक ास दर से बेहतर हो रहा है। हमारा मानना है कि इस समय शेयरों का चयन उनकी गुणवत्ता के आधार पर किया जाना चाहिए।

First Published - December 7, 2008 | 10:25 PM IST

संबंधित पोस्ट