बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) की समिति स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर्स (टीपीए) के कामकाज का आकलन कर रही है और इस संबंध में उसके द्वारा अगले 15 दिनों के अंदर अपनी सिफारिश कर दिए जाने की संभावना है।
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जी श्रीनिवासन ने कोलकाता में एक उद्योग बैठक में अनौपचारिक रूप से कहा कि स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में ताजा बदलावों को ध्यान में रख कर टीपीए के लिए नियामक बदलाव लाए जाने की जरूरत है। यह बैठक इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित की गई थी।
इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की चार बीमा कंपनियां -नेशनल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ऑरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस – सिंगल टीपीए के गठन के लिए एक कंसल्टेंट नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया में हैं।
आतंकवाद का बीमा
श्रीनिवासन के मुताबिक आतंकवाद के बीमा कवर के लिए और अधिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी की जरूरत है, क्योंकि इंडियन मार्केट टेररिज्म रिस्क इंश्योरेंस पूल (आईएमटीआरआईपी) बढ़ती आतंकी घटनाओं को कवर करने में सक्षम नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुंबई में आतंकी हमलों के बाद संपत्ति का नुकसान 500 करोड़ रुपये आंका गया था जो भारत में आतंकवाद के कारण बीमा क्षेत्र को हुआ सबसे बड़ा नुकसान है। श्रीनिवासन ने बताया कि पिछले साल हुए इस हमले के बाद प्रीमियम दरों में 30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।
पूल के तहत आतंकवादी जोखिम के बीमा के लिए अधिकतम देय राशि मौजूदा समय में 750 करोड़ रुपये प्रति लोकेशन है। उन्होंने कहा कि सरकार को कंपनियों के लिए आतंकवाद बीमा को अनिवार्य बनाना चाहिए और कुछ अतिरिक्त प्रीमियम पर फायर पॉलिसी में आतंकवाद कवर को स्वत: शामिल किया जाना चाहिए।
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस की प्रीमियम आय वर्ष 2008-09 में 4,275 करोड़ रुपये थी जो पूर्ववर्ती वर्ष के मुकाबले लगभग 14 फीसदी अधिक थी। इस साल भी कंपनी ने प्रीमियम आय में लगभग 12 फीसदी का इजाफा होने की संभावना जताई है।
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने भी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के साथ उसकी संपत्तियों को बीमा दायरे में लाने के लिए हाल में एक समझौता किया है।