सितंबर में जीवन बीमा कंपनियों का न्यू बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़ा है। सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और निजी क्षेत्र के बीमाकर्ताओं के प्रीमियम में बेहतरीन बढ़ोतरी हुई है।
लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जीवन बीमा कंपनियों का कुल एनबीपी सितंबर में 35,020 करोड़ रुपये रहा है। एलआईसी का एनबीपी सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत बढ़कर 20,369.26 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं निजी बीमा कंपनियों का कुल मिलाकर एनबीपी पिछले साल से 16.37 प्रतिशत बढ़कर 14,651.02 करोड़ रुपये हो गया है।
उद्योग का व्यक्तिगत एकल प्रीमियम सालाना आधार पर करीब 13 प्रतिशत बढ़कर 5,142 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं व्यक्तिगत गैर-एकल प्रीमियम 35.23 प्रतिशत बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये हो गया है।
प्रमुख सूचीबद्ध निजी बीमाकर्ताओं में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम 4.6 प्रतिशत, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम 9 प्रतिशत और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम सालाना आधार पर 20.6 प्रतिशत बढ़ा है।
केयरएज रेटिंग्स में बीएफएसआई रिसर्च के प्रमुख सौरभ भालेराव ने कहा, ‘सितंबर में निजी जीवन बीमाकर्ताओं के व्यक्तिगत एकल प्रीमियम में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कमी आई है। हालांकि गैर एकल और समूह बीमा सेग्मेंट में प्रीमियम बढ़ा है, लेकिन निजी कंपनियों के लिए समग्र विकास धीमा हो गया है।’
वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल से सितंबर अवधि के दौरान जीवन बीमाकर्ताओं के प्रीमियम में सालाना आधार पर 19.5 प्रतिशत वृद्धि हुई और यह 1.89 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि के दौरान एलआईसी का प्रीमियम सालाना आधार पर 24.7 प्रतिशत बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं निजी बीमाकर्ताओं का प्रीमियम सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 73,664 करोड़ रुपये हो गया है।
एलआईसी का एनबीपी मुख्य रूप से समूह एकल प्रीमियम से प्रभावित रहा है, जिसमें इस अग्रणी कंपनी की बाजार हिस्सेदारी करीब 80 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान एलआईसी का समूह एकल प्रीमियम 28.9 प्रतिशत बढ़कर 83,110 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 61.07 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले 58.50 प्रतिशत थी। निजी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी एनबीपी का 38.9 प्रतिशत है, जो पिछले साल 41.5 प्रतिशत थी।