जीवन बीमा कंपनियों ने अपने वितरकों का कमीशन घटाने का निर्णय किया है। बीमा कंपनियों ने जीवन बीमा परिषद के माध्यम से भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण को सूचित किया है कि प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शून्य कर दिया गया है और इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ वापस ले लिया गया है। ऐसे में इसके असर की भरपाई के लिए बीमा कंपनियां नई पॉलिसियों और नवीनीकरण दोनों पर वितरक कमीशन को जीएसटी कटौती की सीमा तक यानी 18 फीसदी तक कम कर देंगी। घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी।
बीमा कंपनियों ने कहा कि इससे ग्राहकों को जीएसटी कटौती का पूरा लाभ मिलेगा और उत्पाद की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि वितरकों के लिए संशोधित कमीशन 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा। इस बारे में बीमा एजेंसियों को पहले ही पत्र भेजे जा चुके हैं और इस मामले पर बैंकों के साथ बातचीत चल रही है। कमीशन में संशोधन के साथ कंपनियों और वितरकों दोनों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) खत्म करने का असर झेलना पड़ेगा, जो अनुमानित रूप से लगभग 15,000 करोड़ रुपये है।
कंपनियां अपनी ओर से उत्पादों के दाम नहीं बदलेंगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जीएसटी में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को मिले। सूत्रों ने बताया कि उम्मीद है कि कंपनियां अपने मार्जिन पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए उत्पाद मिश्रण में बदलाव करेंगी।
जीवन बीमा कंपनियों ने परिषद से अनुरोध किया है कि वह वितरक कमीशन पर नए सिरे से सीमा लागू करने की संभावना की जांच के लिए एक समिति गठित करे।
सूत्र ने कहा, ‘ हम जीएसटी कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देंगे। आईटीसी हटाने का इस क्षेत्र पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है इसलिए हमने जीएसटी कटौती के बराबर वितरक कमीशन कम करने का फैसला किया है। इस मामले पर वित्तीय सेवाओं का विभाग (डीएफएस) के सचिव को भी एक पत्र भेजा गया है। इसके अलावा हमने कमीशन की सीमा तय करने के लिए समिति गठित करने का अनुरोध किया है।’
एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘जीएसटी कटौती के बाद वितरक कमीशन में कटौती के संबंध में बीमा नियामक और डीएफएस को पत्र भेजा गया है। कुछ कंपनियों ने कमीशन दरों में 18 फीसदी की कटौती के संबंध में वितरण भागीदारों को पत्र भेजना भी शुरू कर दिया है। ज्यादा कमीशन देने वाली बीमा कंपनियों में एक हद तक आम सहमति है।’
पिछले महीने जीएसटी परिषद ने सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों के साथ-साथ उनके पुनर्बीमा को भी जीएसटी से पूरी तरह छूट देने की घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य बीमा को और अधिक किफायती बनाना और पूरे देश में कवरेज का विस्तार करना है।