वित्त वर्ष 2023-24 में शीर्ष निजी बीमा कंपनियों की ग्रामीण इलाकों में जीवन बीमा पॉलिसियों की बिक्री में गिरावट आई है। निजी क्षेत्र की तीन प्रमुख बीमा कंपनियां एसबीआई लाइफ, एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की पिछले वित्त वर्ष में ग्रामीण इलाकों में बिकीं पॉलिसियों में हिस्सेदारी इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में घटी है। इस दौरान मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की ग्रामीण इलाकों में हिस्सेदारी थोड़ी बढ़ी है।
दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ग्रामीण इलाकों में ज्यादा पॉलिसी बेचने में कामयाब रही। ग्रामीण बाजार में एलआईसी की पॉलिसियों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 में 47.72 फीसदी रही जो वित्त वर्ष 2023 में 22.25 फीसदी थी।
विशेषज्ञों के अनुसार छोटे-मझोले शहरों में बीमा पॉलिसियों की बिक्री में अच्छी वृद्धि देखी गई मगर ग्रामीण इलाकों में बीमा उद्योग की वृद्धि सामान्य रही। इसके परिणामस्वरूप ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदारी में कमी आई है। इसके अलावा शहरी इलाकों में वित्त वर्ष 2024 के दौरान यूनिट लिंक्ड बीमा प्लान (यूलिप) की मांग में इजाफा हुआ था।
शेयर बाजार में तेजी के मद्देनजर यूलिप की मांग बढ़ी है। वित्त वर्ष 2024 के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव किया था 5 लाख रुपये से ज्यादा के कुल प्रीमियम वाली बीमा पॉलिसियों (यूलिप को छोड़कर) पर कर छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
यह नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हुआ था जिससे मार्च 2023 में छोटे-मझोले शहरों में बीमा पॉलिसियों की बिक्री बढ़ गई थी। मगर ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र की पॉलिसियों की वृद्धि सामान्य रही। इस कारण कुल बिकीं पॉलिसियों में ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदारी कम रही।
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विभा पडलकर ने कहा, ‘कंपनी की पॉलिसियों की कुल संख्या में शानदार वृद्धि हुई है। बजट में बदलाव के बाद छोटे-मझोले शहरों में अधिक पॉलिसियां बेची गईं जबकि ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्रों की पॉलिसियां सामान्य दर से बढ़ीं इसलिए ऐसा लगता है कि प्रतिशत गिर गया है।’
विश्लेषकों ने कहा कि शेयर बाजार के दमदार प्रदर्शन के कारण पॉलिसियों, खास तौर पर यूलिप की मांग बढ़ने से कुल बिक्री में तेजी आई है।