facebookmetapixel
ICICI Prudential AMC IPO allotment: आज फाइनल होगा शेयरों का अलॉटमेंट, जानें कितने रुपये पर हो सकती है लिस्टिंगPark Medi World IPO ने निवेशकों को किया निराश, शेयर 4% डिस्काउंट पर लिस्ट; GMP अनुमान से चूकाIT शेयर अभी सस्ते, AI की रिकवरी से आ सकता है बड़ा उछाल; मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 4 स्टॉक्सइंडिगो संकट ने हिलाया विमानन क्षेत्र, भारत के विमानन क्षेत्र में बढ़ी प्रतिस्पर्धा की बहसNephrocare Health IPO की बाजार में पॉजिटिव एंट्री, 7% प्रीमियम के साथ ₹491 पर लिस्ट शेयरGold, Silver price today: चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, सोना के भी भाव बढ़ेकलंबोली दौरे में क्या दिखा? पाइप कारोबार पर नुवामा की रिपोर्ट, जानें किस कंपनी को हो रहा ज्यादा फायदाईलॉन मस्क की दौलत 600 अरब डॉलर के पार, बेजोस और जुकरबर्ग की कुल संपत्ति से भी आगेमहंगे सोने से छोटे ज्वेलर्स दबाव में, बड़ी कंपनियों को फायदा; ब्रोकरेज ने Titan पर ₹4,397 का टारगेट दियाबर्ड फ्लू का नया खतरा! अब गायों में भी फैलने लगा एच5एन1

इन्फ्रा, स्मॉलकैप व पीएसयू फंड अव्वल

Last Updated- December 11, 2022 | 11:42 PM IST

म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं का एक साल का रिटर्न मोटे तौर पर द्वितीयक बाजार में हुए फायदे का आईना होता है। हालांकि जिन योजनाओं के जरिये इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्मॉलकैप और पीएसयू बैंकों में निवेश किया जाता है, वे उम्दा प्रदर्शन करने वाले के तौर पर उभरी हैं और कुछ मामलों में इनका रिटर्न 100 फीसदी से भी ज्यादा रहा है।
कुल 484 इक्विटी योजनाओं में से 353 योजनाओं ने सेंसेक्स को मात देने मेंं कामयाबी हासिल की है, यह जानकारी वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से मिली। करीब 20 योजनाओं ने पिछले एक साल में 90 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया जबकि छह योजनाओं ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया।
एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स टोटल रिटर्न इंडेक्स (टीआरआई) ने 29 अक्टूबर को समाप्त पिछले एक साल में 51 फीसदी रिटर्न दिया है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के निदेशक कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, भारतीय बाजारों में तेजी व्यापक रही है और पिछले एक साल में हर तरह के बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में उछाल देखने को मिली है। यह 2018-19 की अवधि के उलट है जब तेजी की अगुआई कुछ चुनिंदा शेयरों ने की थी। मोटे तौर पर ऐसे बाजार में ऐक्टिव फंड का प्रदर्शन बेंचमार्क के मुकाबले बेहतर होता है क्योंंकि विभिन्न क्षेत्रों में तेजी देखी जाती है।
उम्दा प्रदर्शन वाली 10 अग्रणी योजनाओं में तीन इन्फ्रास्ट्रक्चर श्रेणी की हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के फंड मैनेजर आई. दलवी ने कहा, पिछले कुछ सालों में इस सेगमेंट को जिस चीज से मदद मिली है वह है सरकार की तरफ से इन्फ्रास्ट्रक्चर में आक्रामकता से बजट का आवंटन। इससे निर्माण कंपनियों की ऑर्डरबुक बेहतर रही है और उन्हें अपने परिचालन को आगे बढ़ाने में मदद मिली है। वहीं निजी क्षेत्र की ओर देखें तो हमने फिक्स्ड ऐसेट का कम निर्माण पाया है। हमारा मानना है कि इस्तेमाल का स्तर जोर पकड़ते ही कंपनियां क्षमता विस्तार में निवेश करेंगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के अलावा कमोडिटीज व इमर्जिंग बिजनेस फंड 10 अग्रणी फंडों की सूची में शामिल हैं। आईसीआईसीआई कमोडिटीज फंड और एलऐंडटी इमर्जिंग बिजनेस फंड ने पिछले एक साल मेंं क्रमश: 125 फीसदी व 96 फीसदी रिटर्न दिया है।
एलऐंडटी म्युचुअल फंड के इक्विटी प्रमुख वेणुगोपाल मनघट ने कहा, पिछले एक साल में निचले स्तर पर गए शेयरों की खरीदारी और ऐक्टिव फंड मैनेजमेंट को बाजार ने खासा पुरस्कृत किया है।
उन्होंने कहा, कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जिन्होंंने अपना योगदान किया है। थीम से जुड़े रहते हुए और आय में बढ़ोतरी की खातिर निवेशित बने रहने से मूल्यांकन की दोबारा रेटिंग होती है और इसने प्रदर्शन में मदद की है।
पीएसयू बैंकिंग शेयरों से जुड़े ईटीएफ एक साल में उम्दा रिटर्न देने वालों में शामिल हैं। सरकारी बैंकोंं के रिटर्न ने कई को आश्चर्यचकित किया है। ज्यादातर निवेशक हालांकि पीएसयू के मुकाबले निजी बैंकों को तरजीह देते हैं, लेकिन पिछले एक साल में निजी बैंकों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। काफी कम मूल्यांकन, निजीकरण की उम्मीद और यह आशावाद कि फंसे कर्ज से जुड़े बुरे दिन शायद पीछे रह गए हैं, कई पीएसयू शेयरों की दोबारा रेटिंग हुई है। काफी तेजी के बावजूद कई सरकारी बैंंक के शेयर अभी भी अपने-अपने ऐतिहासिक मूल्यांकन से छूट पर कारोबार कर रहे हैं।
स्मॉलकैप श्रेणी में क्वांट स्मॉलकैप, कोटक स्मॉलकैप और प्रिसिंपल स्मॉलकैप फ्यूचर 10 अग्रणी प्रदर्शन वालों की सूची में शामिल हैं। तीनों योजनाओं ने निवेशकों की रकम दोगुनी कर दी है।
इसकी तुलना में एसऐंडपी स्मॉलकैप टीआरआई और एसऐंडपी बीएसई मिडकैप टीआरआई में क्रमश: 89 फीसदी व 71 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
पिछले एक साल में स्मॉलकैप थीम कारगर रहा है, लेकिन आने वाले समय में इसमें काफी उतारचढ़ाव रह सकता है। उदाहरण के लिए अक्टूबर की गिरावट के दौरान स्मॉलकैप सूचकांक अपने-अपने उच्चस्तर से 10 फीसदी नीचे आ गए थे क्योंंकि लार्जकैप में तीन फीसदी से ज्यादा की फिसलन देखने को मिली थी। कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि अगर सेंंटिमेंट नकारात्मक होता है तो व्यापक बाजार में और तीव्र गिरावट देखने को मिलेगी।
प्रदर्शन के मामले में जो योजनाएं पिछड़ीं उनमें इमर्जिंग मार्केट कैटिगरी व गोल्ड फंड शामिल हैं। यहां तक कि फार्मा व हेल्थकेयर फंडों ने भी पिछले एक साल में 27 से 35 फीसदी तक का रिटर्न दिया है।
बाजार के भागीदारों ने कहा कि स्मॉलकैप या थिमेटिक फंडोंं में इस समय निवेश का विचार कर रहे निवेशकों का निवेश नजरिया कम से कम पांच साल का होना चाहिए और पोर्टफोलियो मेंं कुछ उतारचढ़ाव के लिए उसे तैयार रहना चाहिए।

First Published - November 8, 2021 | 12:11 AM IST

संबंधित पोस्ट