जब से लॉकडाउन की सख्ती में ढील दी गई है तभी से जगह-जगह सैलानियों की भीड़ जुटने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। महीनों से घरों में कैद लोग बाहर निकलने और घूमने के लिए बेताब हैं लेकिन कुछ को लॉकडाउन के समय पैदा ही माली किल्लत रोक भी रही है। ऐसे लोगों के लिए कंपनियां कुछ आकर्षक योजनाएं लाई हैं। मसलन थॉमस कुक इंडिया और एसओटीसी ट्रैवल ने ‘हॉलिडे फ स्र्ट, पे व्हेन यू रिटर्न’ योजना शुरू की है, जिसमें आप सैर-सपाटे से लौटने के बाद भुगतान कर सकते हैं।
क्या करना होगा?
ग्राहकों को पहले थॉमस कुक या एसओटीसी ट्रैवल पर यात्रा पैकेज चुनना होगा और उसके बाद गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) संकाश पर आवेदन करना होगा। कंपनियां ने कर्ज के लिए इसी से हाथ मिलाया है।
ग्राहकों की पात्रता जांचकर तय किया जाएगा कि उन्हें कितना कर्ज दिया जा सकता है। एसओटीसी ट्रैवल के अध्यक्ष और कंट्री हेड (लीशर) डेनियल डिसूजा कहते हैं, ‘इसमें ग्राहकों को कर्ज चुकाने की क्षमता के हिसाब से 10,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक दिए जाते हैं। ग्राहक को प्रति व्यक्ति 3,500 रुपये पेशगी जमा करनी पड़ती है।’
संकाश ग्राहकों से पैन, आधार, तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिपया कारोबारियों से दो साल का आयकर रिटर्न मांगती है, जिसे देखकर रकम तय की जाएगी। यात्रा से लौटने के बाद अगले महीने के पांचवें दिन से मासिक किस्त शुरू हो जाएगी। अगर उस तारीख से पहले ही आप पूरी रकम चुका देते हैं तो कोई ब्या नहीं देना होगा। कर्ज की 3, 6, 9 या 12 महीने की किस्तें बन सकती हैं। ब्याज दर हर महीने 1 फीसदी रहेगी। 3 महीने के लिए 3 फीसदी और छह महीने के लिए 6 फीसदी ब्याज।
यात्रा के लिए कर्ज देने वाली संकाश जैसी कंपनियां उन ग्राहकों पर भी नजर रखती हैं, जिनके लिए यात्रा ऋण लेना मुश्किल है। संकाश के सह संस्थापक आकाश दहिया कहते हैं, ‘हम उन लोगों को भी कर्ज देने के लिए तैयार हैं जो पहली बार कर्ज ले रहे हैं, या जिनके पास कोई सिबिल स्कोर नहीं है या जो कुछ वक्त तक अपने क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं कर पाए हैं। ज्यादातर बैंक और एनबीएफसी ऐसे ग्राहकों को कर्ज नहीं देंगे।’
क्या कर्ज लेना चाहिए?
वित्तीय योजनाकार अच्छे ऋण और बुरे ऋण की बात करते हैं। शिक्षा या आवास ऋण अच्छा है क्योंकि इससे आपका जीवन स्तर बेहतर होता है। मगर सामान खरीदने या घूमने के लिए कर्ज अच्छा हीं होता। संकट के इन दिनों में तो आपको अच्छाा कर्ज लेने से पहले भी दो बार सोचना चाहिए और जो कर्ज जरूरी नहीं हो उसे तो बिल्कुल भी नहीं लें। मुंबई की मान्यता प्राप्त वित्तीय योजनाकार किरण तैलंग कहती हैं, ‘अगर आपको छुट्टी में घूमने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है तो इसका मतलब है कि आपकी माली हालत पहले से खराब है। फिर लौटकर आप कर्ज कैसे चुकाएंगे?’ उनका सुझाव है कि आवर्ती जमा या सिप (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिये पैसा बचाया जा सकता है, जो साल भर बाद घूमने के काम आएगा।
कर्ज वाली योजना उन लोगों के लिए ठीक है, जिनके पास पैसा है। लैडर 7 फाइनैंशियल एडवाइजरीज के संस्थापक सुरेश सदगोपन कहते हैं, ‘उन्हें पैसा पहले ही खर्च नहीं करना होगा।’ अगर वे ईएमआई शुरू होने से पहले ही कर्ज चुका देते हैं तो बतौर ब्याज एक पाई भी नहीं देनी होगी।
बरतें सावधानी
अगर आप कर्ज लेने का फैसला करते हैं तो कुछ बातें जांच लें। बैंकबाजार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘ब्याज दर, कर्ज अदायगी के समय और और कुल देनदारी का पूरा ब्योरा ले लें ताकि आपको सब कुछ स्पष्ट हो सके।’
पैसा बाजार डॉट कॉम के असुरक्षित ऋण के वरिष्ठ निदेशक गौरव अग्रवाल कहते हैं, ‘ऐसे टूर पैकेज पर ब्याज के खर्च और कर्ज अदायगी की समय सीमा की तुलना पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड ऋण
से करें।’
पर्सनल लोन पर ब्याज दर 8.95 फीसदी से शुरू होती है और 20 फीसदी तक हो सकती है। अग्रवाल के अनुसार क्रेडिट कार्ड की मासिक किस्त पर्सनल लोन के मुकाबले जल्दी चुकाई जा सकती है मगर इस पर ब्याज दर अधिक होती है। क्रेडिट कार्ड पर कर्ज भी उन्हें ही दिया जाता है, जिनका क्रेडिट प्रोफाइल बढिय़ा होता है। आवास ऋण लेने वाले टॉप-अप ऋ ण पर विचार कर सकते हैं, जिसकी लागत आवास ऋण दर से थोड़ी ही अधिक है।