भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबी) ने अपने नवीनतम न्यूजलेटर में लेनदारों की समिति (सीओसी) से सूचना ज्ञापन (आईएम) पर चर्चा करने का आग्रह किया है। यह महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है जिसमें दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी के बारे में पूरी और विस्तृत जानकारी होती है। दिवाला नियामक ने लेनदारों से यह भी कहा है कि वे अपने द्वारा किए गए किसी भी ऑडिट, जैसे स्टॉक ऑडिट, लेन-देन ऑडिट, या फोरेंसिक ऑडिट को समाधान पेशेवर के साथ साझा करें ताकि सटीक सूचना ज्ञापन तैयार किया जा सके।
आईबीबीआई ने अपने हाल के चर्चा पत्र में सीओसी से अपनी बैठकों में बोलीदाताओं की पात्रता पर औपचारिक चर्चा करने का अनुरोध किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक नियामक यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि सीओसी द्वारा उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जाए क्योंकि कई अदालती फैसलों में उनके आचरण पर टिप्पणियां की गई हैं।
आईबीबीआई के चेयरपर्सन रवि मित्तल ने कहा, ‘सटीक सूचना ज्ञापन बनाने में समाधान पेशेवर की मदद करने के लिए लेनदारों को सीडी से संबंधित संपत्ति व देनदारियों की अहम जानकारी मुहैया कराने की जरूरत है। इनसे अवॉयडेंस ट्रांजैक्शन के लिए आवेदन तैयार करने में मदद मिलती है। साथ ही इससे संपत्ति का सही मूल्यांकन सुनिश्चित होता है।’ मित्तल ने कहा कि ज्ञापन में वित्तीय विवरणों में दर्शाए गए संबंधित पक्ष लेनदेन का भी खुलासा किया जाना चाहिए।