facebookmetapixel
न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारीपीयूष गोयल फरवरी में कनाडा जा सकते हैं, व्यापार समझौते पर फिर होगी बातचीतसीपीएसई ने वित्त वर्ष 2025 में CSR पर 31% अधिक खर्च कियाVertis InvIT सार्वजनिक सूचीबद्ध होने पर कर रहा विचार, बढ़ती घरेलू पूंजी को साधने की तैयारी2025 में रियल एस्टेट का मिला-जुला प्रदर्शन: आवासीय कमजोर, ऑफिस मजबूत

कितने लायक हैं मिड-कैप फंड?

Last Updated- December 05, 2022 | 4:36 PM IST


अगर आपके पास पांच वर्षों की समय सीमा हो तो मिड और स्मॉल कैप फंडों में निवेश कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं ।



शे यर बाजार में अंदरुनी तौर पर मिड और स्मॉलकैप ज्यादा प्रभावकारी है। खासतौर से वर्ष 2007 से इनका प्रचलन बढ़ा है और सेंसेक्स को 20,000 अंकों से आगे पहुंचाने में इनका बड़ा हाथ है। सेंसेक्स के अपने रिकॉर्ड तोड़ने में स्मॉलकैप ने भी अहम भूमिका निभाई है।


 


वर्श 2007 में सेंसेंक्स में 47 प्रतिशत की बढ़त हुई जबकि बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मिडकैप सूचकांक ने लगभग 69 प्रतिशत का प्रतिफल दिया। लेकिन इस छोटे रेस में जीतने वाला तो बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स था जिसने 93.6 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है। ऐसा लगता है कि यह वर्ष मिड और स्मॉलकैप का है।


 


जब मिडकैप शेयरों में बढ़त हुई तो स्वाभविक है कि मिड और स्मॉल कैप फंडों का प्रदर्शन भी बराबरी के लार्जकैप फंडों की तुलना में बेहतर होगा। मिडकैप फंडरिलायंस ग्रोथ, जो एक बड़ी परिसंपत्ति का प्रबंधन कर रहा था, के प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति में वर्ष 2007 में 100 प्रतिशत की वृध्दि हुई।


 


कई विविधीकृत फंडों के फंड प्रबंधकों ने भी अतिरिक्त प्रतिफल पाने के लिए इन जोखिम भरे चुनावों पर दांव लगाना शुरू कर दिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या मिड कैप इस लायक हैं?


 


मिडकैप फंड वर्ग का विश्लेषण कर हम इस प्रश्न का जवाब देने की कोशिश करेंगे। हमने 178 इक्विटी विशाखित फंडों की सूची बनाई और उन फंडों का चयन किया जिन्होंने पिछले एक वर्ष में (फरवरी 2007 से जनवरी 2007 तक) मिड और स्मॉल कैप में औसतन 50 प्रतिशत से अधिक का निवेश किया था।


 


 इस चयन प्रक्रिया के बाद हमें 74 मिड और स्मॉल कैप ओरियेंटेड फंड मिले जिसमें से 20 अच्छी रेटिंग वाले फंडों का हमने चुनाव किया (पांच, चार और तीन सितारे वाले)। इन फंडों का औसत प्रतिफल 32.21 प्रतिशत का था। इस अवधि के दौरान बाजार दो बारमई 2007 और जनवरी 2008 मेंबुरे वक्तों से गुजरा था।


 



क्या हैं मिडकैप?


 


सामान्य श्ब्दों में कहें तो मिडकैप उभरता हुई वैसा स्टॉक है, भविष्य में जिनके लार्जकैप होने की प्रबल संभावना होती है। तकनीकी परिभाषा निश्चित पूंजीकरण के स्तर पर आधारित है। म्युचुअल फंड मिड कैप को अपने तरीके से परिभाषित कर सकते हैं। वैल्यू रिसर्च में हम स्मॉल, मिड और लार्जकैप को अपने तरीके से परिभाषित करते हैं। लार्जकैप शेयरों की वह न्यूनतम संख्या है जो मिल जुल कर बीएसई के कुल बाजार पूंजीकरण के 70 प्रतिशत के बराबर होते हैं।


 


बाजार पूंजीकरण के अगले 20 प्रतिशत के लिए शेयरों की न्यूनतम संख्या मिडकैप वर्ग में रखी जाती है और शेष कंपनियां स्मॉलकैप वर्ग में आती हैं जो बाजार पूंजीकरण के शेष बचे 10 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार होती हैं। मिडकैप शेयरों में तेजी भी जल्दी आती है और वे उतनी ही तेजी से लुढ़कते भी हैं। मिडकैप शंयरों के व्यवहार को ऐसे समझिए कि इनकी प्रवृत्ति बाजार के तेजी के दिनों में तेजी से चढ़ने की और मंदी के दिनों में तेजी से लुढ़कने की होती है।


 



संबद्ध जोखिम



फंड प्रबंधकों के लिए मिडकैप शेयरों की छुपी संभावनाओं से लाभ उठाना एक कठिन कार्य है। इसके अतिरिक्त, ऐसे शेयरों में कम समय में बढ़त भी हो सकती है और इनमें गिरावट भी आ सकती है, इससे फंउ प्रबंधकों का कार्य कठिन हो जाता है।


 


इन शेयरों की छुपी हुई संभावनाएं कुछ दिनों में ही नई ऊंचाईयों को छू सकती हैं और बाजार में गिरावट के दौरान बिना सूचना दिए औंधे मुंह गिर सकते हैं। ये सब मिडकैप फंडों को उन विशाखित फंडों से ज्यादा जोखिम भरा बना देते हैं जो ज्यादातर रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती या इन्फोसिस टेक्ोलॉजीज जैसे शेयरों में निवेश करती हैं।


 


बाजार में हाल में आई गिरावट साफ तौर पर मिडकैप में निवेश से संबद्ध जोखिमों को दर्शाती हैं। आठ जनवरी 2008 को जब गाजार में गिरावट आनी शुरु हुई तो बीएसई के मिडकैप और स्मॉल कैप सूचकांकों में तेजी से गिरावट आई थी। अभी चल रही भारी गिरावट की दौर में बीएसई के मिड और स्मॉल कैप सूचकांकों में क्रमश: 30.7 और 37.8 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि सेंसेक्स में 23.5 प्रतिशत की कमी आई है (आठ जनवरी से सात जनवरी 2008 के बीच)। ये इस बात के साफ संकेत हैं कि मिडकैप स्टॉक बाजार के उतारचढ़ाव के दौरान कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।


 


सुंदरम सेलेक्ट मिडकैप जैसे फंड, जो भारी मात्रा में मिडकैप में निवेश करते हैं, ने अच्छा खासा गंवाया है। इस फंड ने वर्ष 2007 में 63.14 प्रतिशत का प्रतिफल दिया और साल के शीर्षस्थ मिडकैप प्रदर्शनकर्ताओं में से एक रहा। हालांकि वर्ष 2008 में इस फंड ने कम समय में 30 प्रतिशत से अधिक गंवा दिया (एक जनवरी से सात मार्च के बीच)। मिडकैप फंडों में निवेश करना एक आदर्श विकल्प है अगर आप दीर्घावधि के निवेशक हैं। दीर्घावधि से हमारा तात्पर्य पांचसात वर्षों से है। इस समयावधि में उभरती हुई कंपनियां खुद को व्यवस्थित कर सकती हैं। मिडकैप फंड उन लोगों के लिए नहीं है जो हर दिन फंड का एनएवी देखते हैं।


 



अधिक सुरक्षित लार्जकैप


 


लार्जकैप की तरफ अधिक झुकाव वाले फंड वैसे निवेशकों के लिए आदर्श है जो बाजार के तेजी से बदलते रुख से चिंतित होने लगते हैं। आइए इसे समझने के लिए हम दो फंडों की तुलना करते हैंएक चार सितारों की रेटिंग वाला कोटक30 जो प्रमुख रुप से लार्जकैप में निवेश करता है और दूसरा विशुध्द मिडकैप पेशकश बिड़ला मिडकैप।

 वर्ष 2007 में कोटक फंड ने 66.56 प्रतिशत का प्रतिफल दिया जबकि बिड़ला मिडकैप 78 प्रतिशत का प्रतिफल देकर इससे आगे था। लेकिन हाल में बाजार में आई गिरावट के दौरान मिडकैप फंड सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। बिड़ला मिडकैप ने इस दौरान 27 प्रतिशत गंवाए जबकि कोटक30 ने केपल 20 प्रतिशत। लार्जकैप फंड और आक्रामक मिड कैप फंडों की तुलना कर हम इस फर्क को आसानी से देख सकते हैं।

First Published - March 17, 2008 | 4:51 PM IST

संबंधित पोस्ट