Paytm Job Cuts: भारत की फिनटेक फर्म वन97 कम्युनिकेशन्स (One97 Communications) के स्वामित्व वाली कंपनी पेटीएम (Paytm) अपने कर्मचारियों की और छंटनी कर सकती है। कंपनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने आज यानी 22 मई को चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद शेयरहोल्डर्स के लिए एक बयान लिखा, जिससे यह भी पता चलता है कि कंपनी आने वाले समय में लागत में भी अन्य लागतों में भी कटौती कर सकती है।
गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक RBI की तरफ से पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर एक्शन लिए जाने के बाद से वन97 कम्युनिकेशन्स संकट के दौर से गुजर रही है और वह लगातार लागत में कटौती करके फिर से बाजार में लौटना चाहती है।
शर्मा ने शेयरहोल्डर्स से कहा, ‘हम अपनी लागत स्ट्रक्चर (cost structure) में सुधार कर रहे हैं , AI (ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं, और अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने से हम जरूरी लागत हासिल करने में सक्षम होंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि इसे हासिल करने में कंपनी को कम रिसोर्स के साथ कस्टमर्स के लिए अधिकतम वैल्यू क्रिएट करनी होगी और गैर-प्रमुख बिजनेस में कटौती करनी होगी।
बता दें कि कंपनी ने आज वित्त वर्ष 24 की जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY24) के लिए नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी का शुद्ध घाटा (net loss) तीन महीनों में ही कई गुना बढ़कर 549.6 करोड़ रुपये हो गया। पिछली तिमाही यानी दिसंबर तिमाही में यह 221.7 करोड़ रुपये रहा था जबकि एक साल पहले की समान अवधि (Q4FY23) में यह 167.5 करोड़ रुपे रहा था।
ऑपरेशन से कंसोलिडेटेड रेवेन्यू भी सालाना आधार पर (YoY) 2.9 प्रतिशत फीसदी 2,334.5 करोड़ रुपये से 2,267.1 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही आधार पर (QoQ) देखें तो कंपनी का राजस्व 20.5 फीसदी गिरा। Q3FY24 में यह 2,850.5 करोड़ रुपये रहा था।
विजय शेखर शर्मा ने आज शेयरहोल्डर्स से कहा कि AI को लेकर चल रहे प्रयोग और लर्निंग फाइनैंशियल इंडस्ट्री के लिए ग्राहक और व्यापारी देखभाल में बेहतरी लाने का वादा करते हैं, साथ ही राजस्व बढ़ाने और लागत बचत के नए रास्ते भी खोलते हैं। हम आने वाली तिमाहियों में इन पहलों से ठोस परिणामों की उम्मीद करते हैं, जिससे बाजार में हमारा प्रतिस्पर्धी लाभ और बढ़ेगा।
कंपनी ने एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया कि उसने Q4FY24 में कर्मचारियों के बेनिफिट के लिए खर्च (Employee benefits expens) 1104.4 करोड़ रुपये दर्ज किया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 976.9 करोड़ रुपये खर्च किया था। दिसंबर तिमाही के लिए यह खर्च 1187.2 करोड़ रुपये था।
पेटीएम के कुल खर्च (Total Expenses) की बात की जाए तो कंपनी ने Q4FY24 में 2691.4 करोड़ रुपये खर्च किया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 2630.5 करोड़ रुपये और दिसंबर तिमाही में 3216.3 करोड़ रुपये रहा था। इस लिहाज से देखा जाए तो कंपनी ने अपने पूरे खर्च में मामूली इजाफा ही किया है और जैसा कि विजय शेखर शर्मा का आज बयान है, आने वाले समय में इसमें और भी कटौती की जा सकती है।
शर्मा ने बताया कि हाल के वर्षों में, मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी, व्यापारी बिक्री (merchant sales) और वित्तीय सेवाओं (financial services) में निवेश के कारण पेटीएम की कर्मचारी लागत में बढ़ोतरी देखी गई है।
शर्मा ने बयान में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि चौथी तिमाही (Q4) में हमारे कारोबार में आई रुकावटों के कारण हमारे रेवेन्यू और लाभप्रदता (profitability) पर निकट अवधि में वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। इसमें पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) वॉलेट के रुकने के कारण स्थिर स्थिति पर प्रभाव शामिल है। हमने पिछली तिमाही के दौरान अपने ग्राहकों को कुछ अन्य भुगतान और लोन प्रोडक्ट्स भी रोक दिए थे और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ऐसे कई उत्पाद फिर से शुरू हो गए हैं या जल्द ही शुरू होने की प्रक्रिया में हैं।
बता दें कि 2010 में शुरू हुआ पेटीएम इस समय वित्तीय संकट से गुजर रहा है। पेटीएम का इस समय कंपटीशन एमेजॉन (Amazon), गूगलपे (Google Pay) और मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनैंशियल से है। NPCI के अप्रैल महीने के आंकड़ों के अनुसार, UPI पेमेंट में PhonePe की हिस्सेदारी अप्रैल 2020 में 37 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 48.3 फीसदी हो गई, जबकि Google Pay की हिस्सेदारी 44 फीसदी थी, जो अप्रैल में घटकर 37.4 फीसदी हो गई है। जबकि पेटीएम की 8.4 फीसदी है। ऐसे में आने वाले समय में यह देखना होगा कि कंपनी कैसे अपनी स्थिति को मार्केट में सुधार पाती है।