प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) वॉलेट की कुल संख्या में इस साल अब तक 20.4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और यह जनवरी के 1.44 अरब की तुलना में घटकर नवंबर में 1.14 अरब रह गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सालाना आधार पर पीपीआई वॉलेट की संख्या नवंबर 2023 के 1.37 अरब के मुकाबले 16.7 प्रतिशत तक घटी है।
वॉलेट क्षेत्र की दो शीर्ष बैंकिंग भागीदारों, जिनमें पेटीएम पेमेंट्स बैंक और एयरटेल पेमेंट्स बैंक शामिल हैं, ने इस साल जनवरी और नवंबर के बीच पीपीआई वॉलेट की कुल संख्या में गिरावट दर्ज की है। जनवरी में पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बैंकिंग नियामक की कार्रवाई के बाद इस संख्या में गिरावट आई। नवंबर में सालाना आधार पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पीपीआई वॉलेट में 42 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एयरटेल पेमेंट्स बैंक के पीपीआई वॉलेट 48.5 प्रतिशत घटे।
उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनियों के उन निष्क्रिय खातों को बंद किए जाने से यह गिरावट हुई होगी जो कुछ समय से इस्तेमाल में नहीं रहे होंगे। हालांकि आंकड़ों से पता चलता है कि फिनटेक क्षेत्र की फोनपे, मोबिक्विक, ओला फाइनैंशियल सर्विसेज, एमेजॉन जैसी गैर-बैंकिंग कंपनियों ने साल भर के दौरान पीपीआई वॉलेट जारी करने के मामले में अच्छी वृद्धि दर्ज की है। नवंबर 2024 में फोनपे के पास 21.182 करोड़ पीपीआई वॉलेट थे। इसके बाद मोबिक्विक के पास 14.1 करोड़ और ओला फाइनैंशियल सर्विसेज के पास 7.971 करोड़ पीपीआई वॉलेट थे।