फिनटेक कंपनियां अपनी वित्तीय सेवाओं के दायरे का विस्तार करते हुए सावधि जमा (एफडी) जैसे पारंपरिक बैंकिंग उत्पादों पर ध्यान दे रही हैं। स्टेबल मनी, फ्लिपकार्ट के निवेश वाली सुपरडॉट मनी और मोबिक्विक जैसी नए जमाने की फर्में इस तरह की सेवाएं दे रही हैं जिन पर अलग-अलग परिपक्वता अवधि की सावधि जमा पर 9.5 फीसदी तक का ब्याज दिया जा रहा है। यह पहला मौका है जब फिनटेक फर्में एफडी जैसे निवेश साधनों में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
फिनटेक फर्में लघु वित्त बैंकों, जमा स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और वाणिज्यिक बैंकों के साथ साझेदारी कर इस तरह की सेवाएं मुहैया करा रही हैं। यह एक तरह की निजी साझेदारी है जिसके लिए नियामक से लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। हालांकि नियमों के मुताबिक जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम द्वारा सावधि जमा में 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है।
फिनटेक कंपनियों द्वारा वित्तीय सेवाओं में सावधि जमा को शामिल करने की रणनीति को आय का स्रोत बढ़ाने और मुनाफे में आने का रणनीतिक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
स्टेबल मनी के सह-संस्थापक सौरभ जैन ने कहा, ‘कंपनियां पिछले साल भर से सावधि जमा की पेशकश कर रही हैं ताकि उनकी आय बढ़ सके और कुछ हद मुनाफा दिख सके। इस निवेश साधन में रुचि इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि शेयर बाजार में उठापटक के बीच सावधि जमा पर ब्याज दर भी अच्छा मिल रहा है।’
स्टेबल मनी एफडी सेवा मुहैया कराने वाली पहली फिनटेक कंपनी है और इसने इस सेवा के लिए 8 बैंकों और दो एनबीएफसी के साथ साझेदारी की है। इसके प्लेटफॉर्म पर 12 लाख पंजीकृत यूज़र हैं। फिनटेक बैंकों के लिए वितरण भागीदार के रूप में कार्य करते हैं और उन्हें जमा राशि बढ़ाने में मदद करते हैं, बदले में बैंक की ओर से उन्हें कुछ कमीशन मिलता है। कर्ज देने की तुलना में सावधि जमा पर कमीशन मामूली हो सकत है जो बैंकों के साथ साझेदारी और जमा के आकार और अवधि पर निर्भर करता है।
सुपरडॉटमनी के संस्थापक एवं सीईओ प्रकाश सिकारिया ने कहा, ‘फिनटेक फर्मों को बैंकों से 0.5 से 1 फीसदी के बीच कमीशन मिलता है। कुछ उत्पाद का आय में बड़ी हिस्सेदारी होती है जबकि एफडी का कुल राजस्व में कम योगदान होता है। लेकिन इसे सभी तरह के बैंकिंग उत्पादों की पेशकश करने के तौर पर देखा जाना चाहिए।’इस साल जुलाई में अपना कामकाज शुरू करने वाली सुपरडॉटमनी ने इस पिछले महीने से एफडी सेवाएं मुहैया करा रही हैं। इसने 5 बैंकों के साथ साझेदारी की है।
कंपनी ने संकेत दिया कि जैसे-जैसे सेवा का दायरा बढ़ेगा, वे बड़े वाणिज्यिक बैंकों के साथ साझेदारी करने का प्रयास करेंगे, भले ही ये लघु वित्त बैंकों की तुलना में ग्राहकों को कम ब्याज दर देते हों।
जैन ने कहा, ‘जब आपके साथ कोई बड़ा बैंक जुड़ता है तो इससे ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ता है। लघु वित्त बैंक वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याज देते हैं मगर ग्राहक केवल ब्याज दर ही नहीं बल्कि विशिष्ट बैंकिंग ब्रांड देखते हैं।’
सिकरिया ने कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने प्लेटफॉर्म पर एफडी समेत कई बैंकिंग उत्पादों को पेश करना संभव बनाया है। हालांकि परिसंपत्ति प्रबंधन सेवाओं जैसे शेयर बाजार और म्युचुअल फंडों की तुलना में एफडी कम आकर्षक क्षेत्र है। मगर फिनटेक फर्मों के संस्थापक अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए ऐसे उत्पाद भी शामिल कर रहे हैं जिसमें कम जोखिम पसंद करने वाले निवेशक पैसा लगाना पसंद करते हैं। यही वजह है कि कंपनियां सावधि जमाओं पर भी ध्यान दे रही हैं।