अगर आप ईपीएफओ (EPFO) के मेंबर हैं यानी Employee Provident Fund में कंट्रीब्यूट कर रहे हैं तो आपको लाइफ इंश्योरेंस यानी बीमा कवर का भी फायदा मिलेगा। इस स्कीम को इम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (Employees’ Deposit Linked Insurance) या ईडीएलआई (EDLI) कहते हैं।
क्या है यह स्कीम?
EDLI स्कीम, 1976, के तहत EPFO अपने सभी सब्सक्राइबर्स को लाइफ इंश्योरेंस बेनिफिट यानी एकमुश्त बीमा राशि प्रदान करता है। मतलब सब्सक्राइबर की कुदरती वजहों, बीमारी या दुर्घटना के चलते मौत होने पर इस स्कीम के तहत EPFO की तरफ से नॉमिनी/परिवार के सदस्य को एकमुश्त बीमा राशि दी जाती है। इस स्कीम का फायदा ईपीएफ और एमपी एक्ट, 1952, के तहत आने वाली सभी फैक्टरियों और एस्टैब्लिशमेंट्स (factories and establishments) के कर्मचारियों को अपने आप मिलता है। हालांकि इस स्कीम का फायदा तभी मिल सकता है जब सब्सक्राइबर की मौत नौकरी के दौरान (यानी उस समय वह ईपीएफ में कंट्रीब्यूट कर रहा हो) हुई हो।
कितना कंट्रीब्यूशन (contribution) जरूरी?
जैसा कि आप जानते हैं कि कर्मचारी अपनी वेतन (बेसिक सैलरी प्लस डीए) का 12 फीसदी ईपीएफ में कंट्रीब्यूट करता है। ठीक इतनी ही रकम यानी सैलरी का 12 फीसदी एम्प्लॉयर भी ईपीएफ में कंट्रीब्यूट करता है जिसमें से 8.33 फीसदी/अधिकतम 1,250 रुपये (15,000 रुपये मासिक सैलरी के हिसाब से) ईपीएस यानी पेंशन फंड में जाता है। लेकिन EDLI में आपको कुछ भी कंट्रीब्यूट नहीं करना होता है। सिर्फ एम्प्लॉयर को सैलरी का 0.5 फीसदी/अधिकतम 75 रुपये प्रति महीने (अधिकतम 15,000 रुपये सैलरी के हिसाब से) EDLI फंड में जमा कराना होता है। एम्प्लॉयर को EDLI स्कीम के लिए administration charge (0.01 फीसदी) भी देना होता है।
किन्हें मिलेगा फायदा
इस स्कीम का फायदा सिर्फ EPFO मेंबर के परिवार को तभी मिल सकता है जब मेंबर ने मौत से पहले 12 महीने एक या अलग अलग प्रतिष्ठानों में कम से कम निरंतर 12 महीने काम किया हो। जबकि मार्च 2020 से पहले इस स्कीम का फायदा उन परिवारों को नहीं मिल सकता था जहां EPFO मेंबर ने मौत से पहले 12 महीने निरंतर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की थी।
कितनी मिलती है बीमा राशि?
15 फरवरी 2018 में नियमों में हुए बदलाव के तहत पीएफ सब्सक्राइबर की मौत होने पर nominee को न्यूनतम 2.5 लाख रुपये के इंश्योरेंस बेनिफिट का प्रावधान किया गया है। इससे पहले न्यूनतम 1.5 लाख रुपये का प्रावधान था। 28 अप्रैल 2021 से अधिकतम इंश्योरेंस बेनेफिट को भी 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है।
इंश्योरेंस बेनिफिट का कैलकुलेशन
EPFO सब्सक्राइबर की मौत जिस महीने हुई है उस महीने से ठीक पिछले 12 महीने की औसत मासिक सैलरी, जो अधिकतम 15,000 रुपये हो सकती है, को 35 से गुना करने के बाद जो राशि बनती है उसमें अधिकतम 1.75 लाख रुपये बोनस के रूप में जोड़ा जाता है। यानी अधिकतम इंश्योरेंस बेनेफिट = 15,000 X 35 = 5,25,000 + 1,75,000 = 7,00,000 रुपये ।
बोनस का कैलकुलेशन
सब्सक्राइबर की मौत जिस महीने हुई है उस महीने से ठीक पिछले 12 महीने के पीएफ फंड (एम्प्लॉई का कंट्रीब्यूशन + एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन + दोनों कंट्रीब्यूशन पर ब्याज) का 50 फीसदी या टोटल पीएफ फंड का 50 फीसदी, इन दोनों में से कम (लेकिन अधिकतम सीमा 1.75 लाख रुपए)। लेकिन न्यूनतम इंश्योरेंस बेनिफिट 2.5 लाख रुपए से कम नहीं हो सकता।
किन प्रतिष्ठानों में काम करने वालों को नहीं मिल सकता है इस स्कीम का लाभ
नियमों के मुताबिक अगर एम्प्लॉयर अपने कर्मचारी को EDLI के बराबर या उससे बेहतर ग्रुप एश्योरेंस बेनेफिट देता है तो उसे EDLI में कंट्रीब्यूट नहीं करने का विकल्प दिया जाता है। हालांकि इसके लिए एम्प्लॉयर को बाकायदा EPFO को लिखित में बताना होता है।